सीलिंग विवाद : मनोज तिवारी बोले- केजरीवाल ने घर बुलाकर दिलवाई गालियां

AAP and BJP leaders fight on sealing issue at kejriwals house
सीलिंग विवाद : मनोज तिवारी बोले- केजरीवाल ने घर बुलाकर दिलवाई गालियां
सीलिंग विवाद : मनोज तिवारी बोले- केजरीवाल ने घर बुलाकर दिलवाई गालियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे ने आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच नया जंग का मैदान तैयार कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे पर चल रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब धक्का-मुक्की और गालियों तक पहुंच गया है। मंगलवार को इस मुद्दे पर होने वाली चर्चा में यह सब देखने को मिला। दरअसल, दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए बीजेपी नेता मंगलवार सुबह सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे थे। चर्चा के दौरान ही वाद-विवाद इतना बढ़ गया कि बहस शुरू हो गई। बीजेपी नेताओं ने तो आप समर्थकों पर मारपीट और बदसलूकी का आरोप लगाते हुए FIR भी दर्ज करवाई है।

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस हंगामें के बाद बताया, "हम सीलिंग के मुद्दे पर बात करने के लिए सीएम केजरीवाल के घर गए थे। केजरीवाल ने मीटिंग से पहले ही वहां डेढ़ सौ लोगों को इकट्ठा कर रखा था। इन लोगों ने मुद्दे पर बात करने की बजाय हमें अपमानित किया। केजरीवाल ने अपने समर्थकों से हमें गालियां दिलवाई और मुक्के पड़वाए।" तिवारी ने बताया, "यह एक तरह की गुंडागर्दी है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

तिवारी ने यह भी बताया कि जब वे इस मुद्दे पर केजरीवाल से बात कर रहे थे तो आप विधायक जीतेंद्र तोमर ने उनके साथ बदसलूकी की। तिवारी ने बताया, "जीतेंद्र तोमर ने मुझसे कहा, ऐ तिवारी, भाषण बंद कर, हम तुम्हारा भाषण नहीं सुनेंगे।" विवाद बढ़ने के बाद मनोज तिवारी के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं ने आप नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।

उधर, केजरीवाल का कहना है कि बीजेपी को झूठ बोलने की आदत है, इसमें कुछ नया नहीं है। उन्होंने कहा, "सोमवार को मेरे पास विजेंद्र गुप्ता की चिट्ठी आई थी कि हम लोग सीलिंग विवाद पर बातचीत चाहते हैं। मुझे लगा अच्छी बात है कोई हल निकलेगा, लेकिन अफसोस बीजेपी नेता वास्तव में कोई हल चाहते ही नहीं थे। वे सिर्फ राजनीति करने आए थे।"

क्या है सीलिंग विवाद
दिल्ली में मास्टर प्लान 2021 के लिए रिहायशी इलाकों में कमर्शियल गतिविधियों पर रोक का प्रावधान है। इसमें कन्वर्जन का भी एक प्रस्ताव है, जिसके तहत रिहायशी इलाकों का लैंड यूज बदलवाया जा सकता है। इसके लिए कारोबारियों को कन्वर्जन फीस जमा करनी होगी। इस मास्टर प्लान का व्यापारी वर्ग का विरोध कर रहा है। व्यापारियों का कहना है कि इस प्लान से उनकी जमी हुई दुकानें खत्म हो जाएंगी। व्यापारी कन्वर्जन चार्ज अधिक होने पर भी आपत्ति जता चुके हैं। विपक्षी पार्टी बीजेपी का कहना है कि सरकार को व्यापारियों की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस मुद्दे का सही हल निकाला जाना जरूरी है।

Created On :   30 Jan 2018 6:59 PM IST

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