भारत में बाल विवाह की संख्या में आई है गिरावट

According to UNICEF child marriage has been decline in india
भारत में बाल विवाह की संख्या में आई है गिरावट
भारत में बाल विवाह की संख्या में आई है गिरावट
हाईलाइट
  • UNICEF के मुताबिक पिछले दशक में दुनिया भर में 25 मिलियन बाल विवाह रोके गए थे जिसमे दक्षिण एशिया में सबसे अधिक कमी देखी गई।
  • एक दशक पहले के मुकाबले (47%) इसमें तेज गिरावट आई है।
  • यहां 49% लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की आयु से पूर्व ही हो जाता हैं।
  • UNICEF ने कहा है कि भारत में बाल विवाह करने वाली लड़कियों का अनुपात एक दशक में लगभग आधा हो गया है।
  • आँकड़ो के मुताबिक
  • बिहार में सबसे अधिक 68% बाल विवाह होते हैं जबकि हिमाचल प

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। बाल विवाह की प्रथा केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में सदियों से चली आ रही है। दुनिया भर में सबसे ज्यादा बाल विवाह भारत में होते हैं। इस मामले में बांग्लादेश का स्थान दूसरा रहा है। विश्व भर में होने वाले बाल विवाह में से 47% तो सिर्फ भारत में ही होते हैं। यहां 49% लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की आयु से पूर्व ही हो जाता हैं।

भारत में सबसे ज्यादा साक्षरता वाला राज्य केरल है और वहां भी बाल विवाह प्रचलन में हैं। यूनिसेफ (संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपात निधि) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में नगरीय क्षेत्रों से अधिक बाल विवाह होते हैं। आँकड़ो के मुताबिक, बिहार में सबसे अधिक 68% बाल विवाह होते हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में इसका प्रतिशत (9%) सबसे कम है।

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हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार UNICEF ने कहा है कि भारत में बाल विवाह करने वाली लड़कियों का अनुपात  एक दशक में लगभग आधा हो गया है। UNICEF के मुताबिक पिछले दशक में दुनिया भर में 25 मिलियन बाल विवाह रोके गए थे जिसमे दक्षिण एशिया में सबसे अधिक कमी देखी गई। वर्त्तमान में भारत में 27% या लगभग 1.5 मिलियन लड़कियों की शादी 18 वर्ष होने से पहले हो जाती है। एक दशक पहले के मुकाबले (47%) इसमें तेज गिरावट आई है।

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क्या ये प्रथा भारत में प्राचीनकाल से थी?

बाल विवाह की प्रथा भारत में शुरू से नहीं थी। ये दिल्ली सल्तनत की शुरुआत के साथ अस्तित्व में आई जब राजशाही का प्रचलन था। भारत में बाल विवाह को लड़कियों को विदेशी शासकों से बलात्कार और अपहरण से बचाने के लिये एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता था। बाल विवाह के प्रचलन में आने का एक और कारण ये था कि बड़े बुजुर्गों को अपने नाती-पोतों को देखने की चाह अधिक होती थी इसलिये वो कम आयु में ही बच्चों की शादी कर देते थे जिससे कि मरने से पहले वो अपने पोतों के साथ कुछ समय बिता सकें। 

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ऐसे हो रही है बाल विवाह में गिरावट 

UNICEF के अनुसार बाल विवाह की संख्या में तेजी से गिरावट की वजह है- समाज में जागरूकता, शिक्षा का बढ़ता चलन, लड़कियों के लिए नई सरकारी योजनाएं, मीडिया द्वारा इसे रोकने की कैंपेनिंग और समाज को बाल विवाह से होने वाले नुकसान के बारे में बताना।  

  

Created On :   7 March 2018 2:32 PM IST

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