अगस्ता वेस्टलैंड : ED की कस्टडी में भेजे गए राजीव सक्सेना और दीपक तलवार
- अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर मामले में भारत को बड़ी कामयाबी।
- आरोपी राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को दुबई से भारत लाया गया।
- मनी लांडरिंग का है आरोप।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी राजीव सक्सेना को 4 दिन और दीपक तलवार को 7 दिन की ED हिरासत में भेज दिया है। दोनों आरोपियों को भारतीय एजेंसियां दुबई से भारत लेकर आए थे। जिसके बाद उन्हें आज पटियाला कोर्ट में पेश किया गया था। दोनों पर मामले में मनी लांड्रिंग करने का आरोप है।
अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर मामले में भारत को एक और बड़ी सफलता मिली थी। मामले के दो और प्रमुख आरोपी अकाउंटेंट राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को दुबई से भारत लाने में एजेंसियां को कामयाबी मिली था। दोनों को एआरसी के स्पेशल विमान से भारत लाया गया था। जिसके बाद दोनों आरोपी प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में थे। बता दें कि इससे पहले एक और आरोपी क्रिश्चिन मिशेल को भारत लाया गया था।
#WATCH AgustaWestland accused Rajiv Saxena corporate lobbyist Deepak Talwar who were extradited from UAE last night pic.twitter.com/TUfbK8MwsK
— ANI (@ANI) January 31, 2019
मनी लांड्रिंग का है आरोप
मामले के दोनों आरोपी राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को भारत लाया जा चुका है। दोनों आरोपी फिलहाल ED और CBI की कस्टडी में हैं। दोनों आरोपियों को अलग अलग जगह पर रखा गया है, जहां दोनों से गहन पूछताछ की जा रही है। दीपक तलवार की गिरफ्तारी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तलवार पर FCRA की कई धाराओं के तहत आपराधिक साजिश रचने, धोखेबाजी जैसे कई मामले दर्ज हैं। तलवार पर आरोप है कि उसने यूरोप की अग्रणी मिसाइल निर्माण कंपनी से उनके एनजीओ द्वारा प्राप्त एंबुलेंस और अन्य चीजों के लिए कथित रूप से 90.72 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि निकाली है। इसके साथ ही तलवार पर आयकर विभाग ने टैक्स चोरी का भी आरोप लगाया है।
राजीव सक्सेना और उसकी पत्नी पर आरोप है कि दोनों ने दुबई स्थित दो फर्मों से मनी लांड्रिंग को अंजाम दिया है। इसके पहले राजीव की पत्नी शिवानी सक्सेना को ED ने 2017 में चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। फिलहाल शिवानी जमानत पर बाहर हैं।
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला
साल 2010 में तत्कालीन मनमोहन सरकार ने इंडियन एयरफोर्स के लिए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए इटैलियन कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड से सौदा किया था। यह सौदा 3600 करोड़ में हुआ था। सौदे में 360 करोड़ के कमीशन के भुगतान के आरोपों के बाद साल 2014 में केन्द्र सरकार ने इस सौदे को रद्द कर दिया था। रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख समेत कई अधिकारियों का नाम सामने आया था।
मामला सामने आने के बाद से ही इस सौदे में बिचौलियों की भूमिका में रहने वाले लोगों की CBI को तलाश थी। क्रिश्चियन मिशेल, गुइदो हाश्के और कार्लो गेरेसा पर इस सौदे में बिचौलिया होने के आरोप लगे थे। भारत सरकार तभी से इन तीनों को प्रत्यर्पित करने का प्रयास कर रही थी। लंबी कोशिशों के बाद अब जाकर तीन में से एक बिचौलिया भारत सरकार, यूएई से प्रत्यर्पित करने में कामयाब हुई है।
Created On :   31 Jan 2019 1:59 PM IST