अधिग्रहित 67 एकड़ जमीन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को सौंपी
नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत सरकार द्वारा 1993 में अधिग्रहित की गई 67 एकड़ जमीन अयोध्या के डीएम के जरिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को सौंप दी गई है। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने दी है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण स्थल के निकट ही आवासीय परिसर की जरूरत थी, जो कि मिल गया है। राय ने कहा कि अब इसकी सफाई, बिजली, पानी आदि के लिए मरम्मत का काम हो रहा है।
ट्रस्ट के महासचिव के मुताबिक, अधिग्रहित 67 एकड़ भूमि का सर्वे और मिट्टी की शक्ति का पता लगाने के लिए भूतल के नीचे की मिट्टी के सैंपल ले लिए गए हैं। प्रयोगशाला खुलने पर मिट्टी की रिपोर्ट मिल जाएगी।
गौरतलब है कि रामनवमी के अवसर पर दो अप्रैल को ट्रस्ट ने अपना प्रतीक चिन्ह और बैंक खाता सार्वजनिक किया था। इस बीच ट्रस्ट की ओर से 11 लाख रुपये कोरोना महामारी को रोकने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से पीएम केयर फंड को दिए गए हैं।
चंपत राय के मुताबिक, भगवान का कपड़े का घर हटा दिया है, जो कि गर्मी में आग से बचाव और मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए आवश्यक था।
उन्होंने कहा कि जन्मभूमि के निकट दर्शन मार्ग पर ट्रस्ट के लिए अस्थायी रूप से एक कार्यालय की आवश्यकता थी, जो महंत शशिकांतदास ने उपलब्ध कराया है। उसका पता है - राम कचहरी चारो धाम, रामकोट, अयोध्या ( उत्तर प्रदेश )।
चंपत राय ने बताया कि कोरोना महामारी के विरुद्ध अयोध्या में सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल को कठोरता से लागू किया गया है। उनका कहना है कि अयोध्या में सर्वाधिक संकट वानरों के सामने आया, क्योंकि वे भूख से बेचैन होकर हिंसक होने लगे थे। सभी आश्रमों ने अब वानरों को भोजन देना शुरू कर दिया है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी 30 मार्च से वानरों को चना, मक्का व गेहूं दाना खिलाना शुरू किया है। इसके अलावा 31 मार्च से सरयू तट पर रहने वाले साधू व अन्य वंचित वर्ग के लिए भोजन सेवा प्रारंभ की गई है। रोजाना 650 से 700 भोजन के पैकेट अयोध्या के संघ कार्यकतार्ओं और पुलिस के सहयोग से वितरित किए जा रहे हैं।
Created On :   18 April 2020 4:30 PM IST