मायावती शासन की अनियमितताओं पर शुरू होगी कार्रवाई

Action will begin on irregularities of Mayawati regime
मायावती शासन की अनियमितताओं पर शुरू होगी कार्रवाई
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लखनऊ, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के लिए अब मुसीबतें बढ़ने जा रही हैं। योगी सरकार ने नियंत्रक और महालेखाकार (कैग) की रिपोर्ट के आधार पर उन पर कार्रवाई करने का फैसला किया है।

इस रिपोर्ट ने 2007 से 2012 के बीच मायावती के नेतृत्व वाली सरकार के शासन की विसंगतियों का खुलासा किया है।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन मायावती सरकार ने गाजियाबाद में कृषि भूमि को आवास भूमि में बदला और इसके लिए प्रॉपर्टी डेवलेपर्स से अपेक्षित रूपांतरण शुल्क नहीं लिया।

मायावती सरकार के फैसले से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को 572.48 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ और दिल्ली मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन करते हुए चुनिंदा प्रॉपर्टी डेवलपर्स को ही यह लाभ दिया गया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जीडीए ने दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में हाई-टेक टाउनशिप के रूप में चिन्हित 3,702.97 एकड़ सहित कुल 4,772.19 एकड़ क्षेत्र के लिए प्रॉपर्टी डेवलपर्स के लेआउट प्लान्स को मंजूरी दी थी।

मानदंडों के खिलाफ जाकर कृषि भूमि को उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया, क्योंकि इसका भूमि उपयोग बदलकर आवासीय कर दिया गया था और इसके लिए कोई रूपांतरण शुल्क नहीं लिया गया था।

इस फर्म में उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स और सन सिटी हाई-टेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड जैसे दो डेवलपर्स शामिल हैं।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने 23 अप्रैल, 2010 को एक आदेश जारी किया था इसके बाद यह वित्तीय अनियमितताएं हुईं।

एसडीजे-एसकेपी

Created On :   9 Sept 2020 3:01 PM IST

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