आधार अब जरूरी नहीं, मर्जी होने पर कर सकते हैं इस्तेमाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने आधार को 18 साल से उपर (वयस्क) के व्यक्ति के लिए स्वैच्छिक करार दिया है, जिसके बाद अब आधार का इस्तेमाल फोन कनेक्शन और बैंक खातों को खोलने के लिए स्वैच्छिक हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को आधार एक्ट-2016 अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
यह अध्यादेश इसलिए जरूरी हो गया था, क्योंकि चार जनवरी को लोकसभा में इससे संबंधित संशोधन पारित किए जा चुके हैं। संशोधनों को पारित करने के बावजूद इससे जुड़ा विधेयक राज्यसभा में रुका हुआ था। अध्यादेश को इसलिए संसद में पेश किया गया, क्योंकि ऐसा न करने पर 16वीं लोकसभा के भंग होते ही इसका प्रभाव खत्म हो जाता। इससे आधार अधिनियम संशोधन भी प्रभावी रहेगा।
बैठक के बाद केंद्रीय सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मंत्रिमंडल ने आधार और अन्य कानूनों में संशोधन को प्रभावी बनाने के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केवायसी के लिए टेलीग्राफ एक्ट 1885 और पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) एक्ट के नियमों के तहत आधार कार्ड को स्वैच्छिक तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने बताया कि आधार का उपयोग करने वाली इकाई को गोपनीयता के दिशा-निर्देश का पालन करना होगा। नए नियमों के मुताबिक अगर कोई कंपनी इसका उल्लंघन करती है तो उस पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं जुर्माना रोकने की स्थिती में प्रतिदिन 10 लाख रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इस अध्यादेश में अब वयस्कों को यह अधिकार भी दिया जाएगा कि 18 साल की आयु के बाद वे खुद को आधार सिस्टम से अलग कर सकते हैं। इसके तहत यह भी प्रावधान किया गया है कि आधार एक्ट के तहत प्राइवेसी का उल्लंघन करने वालों पर भी भारी जुर्माना लगाया जाएगा। आधार के नियम के मुताबिक बायोमेट्रिक डेटा की खरीद और छेड़-छाड़ गैरकानूनी है। आधार एक्ट के तहत अगर किसी के पास आधार पत्र नहीं है तो उन्हें किसी भी सर्विस का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। अनाधिकृत तरीके से आधार के इस्तेमाल पर 10 हजार का जुर्माना लागया जा सकता है और अगर कोई कंपनी इस्तेमाल करती है तो जुर्माने की राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपए हो जाएगी। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को आधार को संवैधानिक करार दिया था, हालांकि कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता कई जगहों पर खत्म कर दी थी।
Created On :   1 March 2019 7:04 PM IST