इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना के पत्र को पीआईएल में बदल दिया

Allahabad High Court converts Coronas letter to PIL
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना के पत्र को पीआईएल में बदल दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना के पत्र को पीआईएल में बदल दिया

प्रयागराज, 8 मई (आईएएनएस)। एक अनूठा काम करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक पत्र को जनहित याचिका में परिवर्तित कर दिया है और राज्य सरकार के वकील को 11 मई को इस मामले पर जवाब देने का निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में प्रयागराज के वीरेंद्र सिंह की मौत का मुद्दा उठाया गया था, जो कोरोना पॉजिटिव था और कथित तौर पर इलाज में ढील दिए जाने की वजह से उसकी मृत्यु हो गई।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के अधिवक्ता गौरव कुमार गौड़ द्वारा दायर एक पत्र याचिका को लेकर यह आदेश दिया।

पत्र को उच्च न्यायालय रजिस्ट्री द्वारा पंजीकृत किया गया था और इसे शीर्षक दिया गया था- संगरोध केंद्रों पर अमानवीय स्थिति और कोरोना पॉजिटिव को बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए.

अदालत ने एक वीडियो क्लिप का भी संज्ञान लिया जो खासी मशहूर हो रही है, इसमें क्वारंटीन केन्द्रों की दयनीय स्थितियों को दिखाया गया है। अदालत ने राज्य सरकार के मुख्य स्थायी वकील से कहा है कि वे सुनवाई की अगली तारीख पर इससे अवगत कराएं।

5 मई को अधिवक्ता गौरव कुमार गौड़ ने मुख्य न्यायाधीश को एक ईमेल भेजा था कि वीरेंद्र सिंह की पत्नी ने टेलीफोन पर उन्हें क्वारंटीन केन्द्र की स्थिति को लेकर सूचित किया था। जिस केन्द्र में उनके पति और परिवार के अन्य सदस्य ठहरे हुए थे, वहां ना तो अच्छी साफ-सफाई थी और ना ही उनका पर्याप्त इलाज हो रहा था। इसके बाद वीरेन्द्र सिंह ने कोरोनोवायरस से दम तोड़ दिया था।

सिंह की विधवा के अनुसार, उसका पति कोरोना से ज्यादा डॉक्टरों की लापरवाही और उदासीनता का शिकार हुआ।

Created On :   8 May 2020 11:00 AM IST

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