राज्यसभा में दिवालिया कानून से जुड़ा संशोधन विधेयक पारित

Amendment bill related to insolvency law passed in Rajya Sabha
राज्यसभा में दिवालिया कानून से जुड़ा संशोधन विधेयक पारित
राज्यसभा में दिवालिया कानून से जुड़ा संशोधन विधेयक पारित
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नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा ने शनिवार को दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) (दूसरा संशोधन) बिल, 2020 पारित कर दिया है। हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्य ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के कोरोना को ईश्वर की देन वाले बयान को लेकर उन पर हमला भी किया

यह विधेयक इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल, 2020 की जगह लेगा, जो कि 25 मार्च से 5 जून के बीच उत्पन्न हुईं दिवाला कार्यवाही को प्रतिबंधित करने वाले कानून का एक साल के लिए विस्तार कर देगा।

इसे लेकर सीतारमण ने कहा, मार्च में हमारे सामने स्थिति स्पष्ट रूप से आजीविका से पहले जीवन को बचाने की थी। जब पीएम ने जनता कर्फ्यू की घोषणा की, तो उन्होंने कहा कि यह एक निवारक उपाय था और वह यह नहीं जानते कि यह कितने समय तक चलेगा। स्वाभाविक रूप से, लॉकडाउन ने व्यवसायों और वित्तीय बाजार को प्रभावित किया। क्या हमें बैठकर केवल देखते रहना चाहिए, नहीं।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिनय विश्वम ने सीतारमण पर हाल के दिनों में उनके द्वारा की गई टिप्पणी ईश्वर की देन के लिए हमला किया। उन्होंने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है और वह कह रही हैं कि ये सब ईश्वर के काम हैं। भगवान पर आरोप मत लगाओ। भगवान दोषी नहीं है।

सीतारमण ने इस बीच विस्तार से बताया कि सेक्शन 7, 9 और 10 का निलंबन कारोबार को दिवालिया होने से बचाने के लिए किया गया है।

विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद अरुण सिंह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, इससे बैंक एनपीए में कमी आई है। साथ ही उन्होंने संशोधन विधेयक को एक उल्लेखनीय और साहसिक कदम बताया।

कांग्रेस के सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि धारा 10 का निलंबन अनुत्पादक होगा। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी कब तक जारी रहेगी, यह निश्चित नहीं है। साथ ही दावा किया कि यदि सरकार केवल बड़े कॉपरेरेट्स की रक्षा करने की कोशिश करती रही तो छोटे व्यापारी इससे प्रभावित होंगे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी संशोधनों का समर्थन करती है, क्योंकि सरकार का लक्ष्य अस्थायी था और भविष्य में इसमें और संशोधन की आवश्यकता हो सकती है।

बीजू जनता दल के अमर पटनायक ने कहा कि 2016 के बाद से आईबीसी काफी सफल रहा है, ऐसे में तीन अध्यादेशों की क्या जरूरत थी। वहीं माकपा के के.के. रागेश ने कहा कि दिवालिया होने की कार्यवाही रोकने से बैंकिंग सेक्टर संकट में आ जाएगा।

एसडीजे/एसजीके

Created On :   19 Sep 2020 11:00 AM GMT

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