अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होंगे अमेरिका और चीन!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रविवार को नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का स्थापना सम्मलेन संपन्न हुआ। इस दौरान सदस्य राष्ट्रों ने अपने कुल ऊर्जा खपत को कम करने का और सौर ऊर्जा के हिस्से को बढ़ाने का वचन दिया। सम्पूर्ण विश्व की निगाह अब इस गठबंधन पर टिक गई है। भारत द्वारा बाकी देशों के सहयोग से शुरू किये गए इस कार्यक्रम में चीन और अमेरिका सरीखे कई देश रूचि दिखा रहे हैं। हालांकि दोनों देशों ने अभी इससे जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर तो नहीं किये हैं लेकिन जल्द ही दोनों देशों के इस गठबंधन में शामिल होने की उम्मीद लगाई जा रही है। गौरतलब है इस गठबंधन का उद्देश्य कर्क और मकर रेखा के बीच पड़ने वाले देशों में सौर ऊर्जा का प्रसार करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की थी गठबंधन की पहल
विदेश मामलों के सयुंक्त सचिव (पश्चिमी यूरोप) के. नागराज ने कहा है कि अमेरिका और चीन 121 देशों के इस समूह में शामिल होना चाहते हैं। लेकिन उनका अभी इस समझौते पर हस्ताक्षर करना बाकी है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ISA से जुड़ी कई मीटिंग्स में चीन और US के अधिकारी बराबर हिस्सा लेते रहे हैं। बता दें इस गठबंधन की आखिरी मीटिंग 20 फरवरी 2018 को हुई थी। भारत ने रविवार को फ्रांस के साथ मिलकर ISA का पहला सम्मलेन आयोजित किया। इस गठबंधन की पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, 2015 में दिए गए एक भाषण के दौरान उन्होंने ऐसा कुछ करने पर जोर दिया था।
2022 तक 175 गीगा वाट बिजली उत्पन्न करने का लक्ष्य
गौरतलब है कि रविवार को दिल्ली में इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति भवन के कल्चरल ओडिटोरियम में आयोजित इस समिट में फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों भी शामिल हुए। इस योजना के अनुसार 2022 तक इससे 175 गीगा वाट बिजली उत्पन्न की जाएगी जिसमें से 100 गीगा वाट बिजली सौर से होगी। इस इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट में 23 राष्ट्राध्यक्ष और विभिन्न देशों के 10 मंत्रिमंडलीय प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के सेकरेट्री-जनरल एंटोनियो गटर्स, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो और बांग्लादेश राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने भी शिरकत की।
Created On :   12 March 2018 12:09 AM IST