AMU कुलपति तारिक मंसूर ने कहा- 80 साल पुरानी तस्वीर पर इतनी बहस क्यों?
डिजिटल डेस्क, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जारी विवाद को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर ने अपनी प्रतिक्रया जाहिर की है। कुलपति तारिक मंसूर ने कहा कि इस मुद्दे पर विवाद पैदा करने की कोई पुख्ता वजह नहीं है। जिन्ना की तस्वीर विश्वविद्यालय में 1938 से ही लगी हुई है। 80 साल पुरानी तस्वीर पर आखिर इतनी बहस क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए। कुलपति ने विश्वविद्यालय में हिंसा के संबंध में चीफ सेक्रेटरी से बातचीत कर न्यायिक जांच की मांग की है।
Jinnah"s portrait has been here since 1938. Jinnah"s portrait is at many places including Bombay HC Sabarmati Ashram. No one was worried about the portraits until now, I think it is a non-issue: Professor Tariq Mansoor, Aligarh Muslim University VC on Jinnah portrait row pic.twitter.com/XGmfxizN7c
— ANI UP (@ANINewsUP) May 9, 2018
छात्रों का विरोध जिन्ना की तस्वीर से नहीं
विश्वविद्यालय के वीसी तारिक मंसूर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इसके अलावा दूसरी जगहों पर भी जिन्ना की तस्वीर लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट में जिन्ना की तस्वीर लगी है। साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के तस्वीर के साथ जिन्ना तस्वीर भी लगी है, लेकिन आज तक कोई विवाद नहीं हुआ।
एएमयू के कुलपति ने कहा कि छात्रों का विरोध जिन्ना की तस्वीर से नहीं है। उन्हें शिकायत है कि दो मई कुछ लोग बाहर से कैंपस में दाखिल हुए और माहौल खराब करने की कोशिश की।
Students agitation had no relation to Jinnah portrait row, they were protesting against people who came to AMU to disturb peace on May 2. Spoken to chief secretary for a judicial inquiry into the incident:AMU VC on ruckus due to which event of former VP Hamid Ansari was cancelled pic.twitter.com/FbpZ198k6X
— ANI UP (@ANINewsUP) May 9, 2018
विवाद के चलते परीक्षाएं की तारीख अागे बढ़ी
6 मई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर परिसर में फैले तनाव के बीच सभी परीक्षाएं स्थगित कर उनमें फेरबलब किया गया है। एएमयू के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कि सत्र 2017-18 की परीक्षाएं अब 12 मई से शुरू होंगी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफएसर तारिक मंसूर, विभिन्न संकायों के डीन और सभी कॉलेजों के प्राचार्यों की एक परामर्श बैठक में यह फैसला लिया गया है।
Created On :   9 May 2018 3:04 PM IST