अनिल देशमुख ने 5वीं बार ईडी के समन से किया किनारा

Anil Deshmukh skips ED summons again; offers to cooperate with agency
अनिल देशमुख ने 5वीं बार ईडी के समन से किया किनारा
Maharashtra अनिल देशमुख ने 5वीं बार ईडी के समन से किया किनारा
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने बुधवार को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सम्मन से किनारा कर लिया और एजेंसी को एक आवेदन सौंपकर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पेशी से छूट की मांग की।

अपने वकील इंद्रपाल सिंह के माध्यम से ईडी को भेजे गए तीन पन्नों के पत्र में देशमुख ने कहा, शुरूआत में, मैं यह पेश कर सकता हूं कि आपने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मेरी रिट याचिका की सुनवाई के तुरंत बाद बिना इंतजार किये समन जारी करने का फैसला किया है। आदेश का पाठ न्यायालय की वेबसाइट पर और उसके कंटेंट को पढ़े बिना अपलोड किया जाना है।

ईडी मामले के संबंध में उन्होंने कहा, मैंने तब से राहतों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें पीएमएलए के विभिन्न प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने के साथ-साथ ईडी मामले को रद्द करने के लिए चुनौती भी शामिल है। मैंने अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा भी मांगी है। उक्त रिट याचिका 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग जांच में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह सीआरपीसी और राहत के लिए अन्य उपयुक्त मंच के तहत उपाय का लाभ उठा सकते हैं।

देशमुख ने अपने पत्र में कहा कि उपरोक्त से, यह साफ है कि सुप्रीम कोर्ट उनके लिए सीआरपीसी के तहत उपलब्ध सभी उचित उपायों का सहारा लेने के लिए खुला है, जिसमें एक रद्द करने वाली याचिका दायर करना भी शामिल है।

ईडी ने मंगलवार को देशमुख को नया समन जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 71 वर्षीय राकांपा नेता को संघीय एजेंसी द्वारा किसी भी कठोर कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार करने के एक दिन बाद आया है।

देशमुख पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है और ईडी मुंबई में ऑर्केस्ट्रा बार के एक समूह से कथित जबरन वसूली के मामले की जांच कर रहा है।

यह आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर देशमुख के निर्देश पर मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बर्खास्त करके ऑर्केस्ट्रा बार से जबरन वसूली के रूप में 4.7 करोड़ रुपये जमा किए गए थे।

बाद में, यह राशि देशमुख के नागपुर स्थित शैक्षिक ट्रस्ट को उनके बेटे, हृषिकेश द्वारा ट्रांसफर कर दी गई थी।

आरोप के अनुसार, लेन-देन दो हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से किया गया था और इसे दान के रूप में दिखाया गया था।

एनसीपी नेता ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनके दो बेटे सलिल और हृषिकेश इसके ट्रस्टी हैं।

पूर्व मंत्री के खिलाफ 11 मई को मामला दर्ज किया गया था और 25 जून को ईडी ने देशमुख के नागपुर, मुंबई और तीन अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी।

इस मामले में सीबीआई ने अप्रैल में देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनके चार परिसरों पर छापेमारी की थी।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया था कि देशमुख ने कदाचार किया था और वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली करने के लिए कहा था।

आईएएनएस

Created On :   18 Aug 2021 8:00 PM IST

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