लोकतंत्र बचाने के लिए अन्ना का सुझाव- प्रत्याशी की फोटो ही हो उसका चुनाव चिन्ह
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। 23 मार्च से एक बार फिर रामलीला मैदान में आंदोलन शुरू करने जा रहे समाजसेवी अन्ना हजारे ने देश में लोकतंत्र बचाने के लिए एक नया सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनावों में प्रत्याशी का चेहरा ही उसका चुनाव चिन्ह होना चाहिए। अन्ना ने कहा, "लोकतंत्र को मुक्त कराना है तो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में प्रत्याशी की फोटो को ही चुनाव चिन्ह बनाया जाए। इससे चुनाव चिन्हों की नीलामी तो बंद होगी ही साथ ही प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद भी जनता के बीच रहने को बाध्य होगा।"
अन्ना हजारे ने यह बातें यूपी की राजधानी लखनऊ में सदरौना स्थित मान्यवर काशीराम शहरी आवास कॉलोनी में कही। वे यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। अन्ना ने कहा, "लोग प्रत्याशी न देखते हुए पार्टी को वोट देते हैं। जनता की सरकार बनने के बजाय दल की सरकार बनती है। ऐसे में प्रत्याशी के फोटो को चुनाव चिन्ह बनाकर इस समस्या को साधा जा सकता है।"
इस दौरान हजारे ने "राइट टू रिजेक्ट" को और प्रभावी बनाने की भी मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव प्रणाली में सुधार के बिना न तो राजनीतिक भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगी और न ही जनहित में कार्य हो पाएंगे।
बता दें कि समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर रामलीला मैदान पर आंदोलन शुरू करने वाले हैं। यह आंदोलन 23 मार्च से शुरू होगा। अपने नए आंदोलन से लोगों को जोड़ने के लिए अन्ना हजारे अब तक कई राज्यों का दौरा कर चुके हैं। इस आंदोलन का लक्ष्य लोकपाल की नियुक्ति, किसानों की समस्या और चुनाव सुधार को लेकर सरकार की जवाबदेही पर जनता में जागरूकता पैदा करना होगा। अपने इस आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए हाल ही में अन्ना ने कहा था कि इस बार के आंदोलन में कोई नेता पैदा नहीं होगा। अन्ना के इस बयान का आशय केजरीवाल से था जो पिछले चुनाव में बडे़ नेता के रूप में उभरे थे और आंदोलन की लोकप्रियता को भुनाकर उन्होंने AAP पार्टी बना ली थी।
Created On :   27 Feb 2018 12:17 AM IST