अन्ना के अनशन का आज दूसरा दिन, कल लिखवाए थे हलफनामे

Annas second day of Strike,Farmers flock to Ramleela Maidan
अन्ना के अनशन का आज दूसरा दिन, कल लिखवाए थे हलफनामे
अन्ना के अनशन का आज दूसरा दिन, कल लिखवाए थे हलफनामे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकपाल बिल को लेकर 7 साल पहले अपने आंदोलन से यूपीए सरकार को हिलाकर रख देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे 23 मार्च से एनडीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में डेरा डाल चुके हैं। इस बार अन्ना किसानों की आय सुनिश्चित करने, पेंशन, खेती के विकास के लिए ठोस नीतियों समेत कई मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। अन्ना ने पहले ही दिन यह साफ कर दिया कि इस बार किसी भी राजनीतिक दल के नेता, सदस्य, कार्यकर्ता या समर्थक उनके आंदोलन के मंच पर नहीं आ सकते।

स्टांप पर करवाए जा रहे साइन

जानकारी के मुताबिक, अन्ना इस सत्याग्रह के आयोजन के लिए बनाई गई 26 सदस्यों की कोर कमिटी के प्रत्येक सदस्य से 100 रुपए के स्टांप पेपर पर यह लिखवाकर साइन करवा रहे हैं, कि वे किसी भी राजनीतिक स्वार्थ के चलते इस आंदोलन से नहीं जुड़ रहे हैं। इसके साथ ही यह लिखवाया जा रहा है कि वे लोग जिंदगी भर न तो पार्टी बनाएंगे और न ही किसी राजनीतिक पार्टीं की सदस्यता ग्रहण करेंगे। वहीं, बताया जा रहा है कि इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए दूसरे राज्यों में बनाई गई समितियों के भी साढ़े 6 हजार से ज्यादा सदस्यों ने इसी तरह का हलफनामा अन्ना को भेजा है। हालांकि इस आंदोलन में शामिल हो रहे किसानों के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है।

 



किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ है आंदोलन 

शुक्रवार से शुरू हुआ यह सत्याग्रह आंदोलन इस बार किसानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ है। किसानों की सुनिश्चित आय, पेंशन, खेती के विकास के लिए ठोस नीतियों समेत कई मांगों को लेकर अन्ना हजारे प्रदर्शन कर रहे हैं। अन्ना हजारे ने कहा था कि किसानो के साथ देश की मोदी सरकार अन्याय कर रही है। पूरे देश में किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं, आंदोलन कर रहे हैं।

क्या है प्रमुख मांगें?

- जिन किसानों के पास आय का कोई स्रोत नहीं है, उन्हें 60 साल बाद 5000 हजार रुपए पेंशन दी जाए।
- संसद में किसान बिल को पास किया जाए।
- किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिया जाए । 
- कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को उचित मूल्य निर्धारण के लिए स्वायत्त बनाया जाना चाहिए। 
- केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति की जाए।
- नए चुनाव सुधार और देश में कृषि संकट को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए।
- चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए।

लोकपाल के बारे में गंभीर नहीं मोदी -अन्ना 

शुक्रवार को आंदोलन शुरु करने से पहले अन्ना हजारे राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, जहां उन्होने कहा कि लोकपाल बिल को लेकर बीते चार साल में उन्होने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन उन्हें एक का भी जवाब नहीं मिला। गांधीवादी अन्ना ने बीते महीने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति में रुचि न दिखाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मोदी कभी लोकपाल के बारे में गंभीर नहीं रहे।

 



AAP पर अन्ना को विश्वास नहीं 

अन्ना आंदोलन में साथी रहे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को लेकर अन्ना ने दो टूक कहा कि वह आम आदमी पार्टी पर भरोसा नहीं करते। बता दें, कि अन्ना हजारे के 2011 के आंदोलन से आम आदमी पार्टी (आप) का जन्म हुआ था, जो इस समय दिल्ली में काबिज है। 2011 में अन्ना ने अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था।

इस बार पहले की तरह नहीं जुट रही भीड़

दिल्ली के रामलीला मैदान में शुरू हुए अन्ना के आंदोलन में पिछली बार के मुकाबले ज्यादा भीड़ नहीं जुट रहीं है। शुक्रवार को ज्यादा लोग नहीं आए। हालांकि, इस बार रामलीला मैदान में माहौल पहले जैसा नहीं है। फिर भी देश के कई हिस्सों से 5 हजार से ज्यादा किसान पहले दिन रामलीला मैदान पहुंचे थे। वहीं शनिवार और रविवार को भारी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है। देश के कई हिस्सों से अन्ना के समर्थक रामलीला मैदान कूच कर गए हैं। एक-दो दिन में इसका असर देखने को मिलेगा। शुक्रवार को दिल्ली आने वाली अन्ना समर्थकों की ट्रेनें रद्द कर दी गईं। अब जनता अपने साधन या बसों के माध्यम से दिल्ली पहुंच रही है।

इस बार ‘जन आंदोलन सत्याग्रह"

इस आंदोलन को अन्ना ने ‘जन आंदोलन सत्याग्रह’ नाम दिया है। जिसका बड़ा सा बैनर भी बनाया गया है। बैनर पर सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार जैसी तीन प्रमुख मांगें लिखी हुई हैं। भारतीय किसान यूनियन समेत देश के कई दूसरे किसान संगठनों ने अन्ना हजारे के इस आंदोलन को समर्थन दिया है। वहीं, अन्ना का अनशन कब तक चलेगा, यह अभी साफ नहीं है।

Created On :   24 March 2018 12:13 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story