मीडिया कर्मियों सहित अन्य लोगों को मिले देश विरोधी भड़काऊ संदेश

Anti-country inflammatory messages received by media personnel including others
मीडिया कर्मियों सहित अन्य लोगों को मिले देश विरोधी भड़काऊ संदेश
मीडिया कर्मियों सहित अन्य लोगों को मिले देश विरोधी भड़काऊ संदेश

डिजिटल डेस्क, लखनऊ, 9 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में लगभग 50 मीडियाकर्मियों सहित अन्य लोगों को स्वतंत्रता दिवस पर राम मंदिर का विरोध और मुसलमानों के लिए एक अलग राष्ट्र की मांग करने के संबंध में ऑडियो मैसेज भेजे गए हैं, जिसके चलते कुछ अज्ञात अराजक तत्वों के खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया गया है।

यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि धारा 505 (1) (बी), 505 (2), 153ए, 153बी, 124ए, 295 (ए), 298, यूएपीए अधिनियम और आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह प्राथमिकी राजद्रोह, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), आईटी एक्ट, धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास व भाषा का तिरस्कार करना, राष्ट्रीय एकता के खिलाफ अपमानित शब्दों का प्रयोग करना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कार्य और इरादतन धार्मिक भावनाओं कष्ट पहुंचाने के तहत दर्ज की गई है।

एडीजी ने कहा, हमने मामले में जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर जल्द ही नकेल कसी जाएगी।यह प्राथमिकी उप-निरीक्षक महेश दत्त शुक्ला द्वारा की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है।लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने कहा कि साइबर सेल को संदेश भेजने वालों का पता लगाने का काम सौंपा गया है।यह ऑडियो मैसेज मलेशिया, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न राज्यों के अलग-अलग नंबरों से भेजे गए हैं।

संदेश किसी पुरुष के आवाज में थी जो लोगों से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध करने की अपील करते हुए सुनाई पड़ता है और कहता है कि यह देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।मैसेज में खलिस्तान की तर्ज पर एक विशेष धर्म से ताल्लुक रखने वालों लोगों को अपने लिए एक अलग देश की मांग करने के लिए भड़काया जाता है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध नीलाब्जा चौधरी ने कहा, जिन नंबरों से ऑडियो मैसेज भेजे गए है, ये सभी वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) मालूम पड़ते हैं। विशेषज्ञों से इनकी जांच कराई जा रही है। हमारी योजना जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ-साथ यूपी एटीएस से भी मदद लेने की है। इस बीच, पुलिस अधिकारियों द्वारा इस बात का पता लगाया जा रहा है कि क्या किसी और जिले में भी लोगों को इस तरह? के संदेश मिले हैं या नहीं।

 

Created On :   9 Aug 2020 2:31 PM IST

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