क्या टूट जाएगा TDP-NDA का गठबंधन? नायडू ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

AP CM Chandrababu urgent meeting with Telugu Desam Party
क्या टूट जाएगा TDP-NDA का गठबंधन? नायडू ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
क्या टूट जाएगा TDP-NDA का गठबंधन? नायडू ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या तेलुगू देशम पार्टी और एनडीए का गठबंधन टूट जाएगा? ये वो सवाल है जिस पर अभी केवल कयास ही लगाए जा सकते है। लेकिन एनडीए के साथ गठबंधन रखना है या नहीं इसका फैसला आज हो सकता है, क्योंकि आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने TDP के नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में बीजेपी के साथ भविष्य में गठबंधन की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। बता दें कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के बाद गुरुवार को टीडीपी के दो मंत्रियों नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री वाई एस चौधरी ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था।

गठबंधन के फैसले में इसलिए लग रहा इतना समय
लोकसभा में आंध्र प्रदेश से टीडीपी के 15 सांसद हैं और एक सांसद तेलंगाना से हैं। 2014 में टीडीपी को महज 6 लाख या 2.06 फीसद वोट का मामूली बहुमत मिला था। साफ है कि मोदी फैक्टर ने नायडू को सत्ता तक पहुंचाने में अहम रोल निभाया था। शायद यही वजह है कि बीजेपी ने टीडीपी को ज्यादा भाव न देने का फैसला किया। शायद इसी नुकसान का अंदाजा लगाकर चंद्रबाबू नायडू अभी तक एनडीए से अलग होना है या नहीं इस पर फैसला लेने में इतना समय लगा रहे हैं। TDP के नेताओं के साथ आज हो रही आपात बैठक में उन सभी संभावनाओं पर विचार किया जाएगा जो एनडीए के साथ गठबंधन बनाए रखने या तोड़ने के फायदे और नकुसान पर होगी। 

लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव
वहीं, आंध्र प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगमोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के इस फैसले को जनता की जीत बताया है। वहीं जगमोहन रेड्डी ने कहा है कि अगर TDP मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी तो उनके सांसद इसका समर्थन करेंगे। रेड्डी ने ये भी कहा कि अगर TDP अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाती है तो फिर 21 मार्च को उनकी पार्टी अविशवास प्रस्ताव लाएगी और वह चाहेंगे की TDP इसका समर्थन करे। बतां दे कि अभी लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस को 8 सांसद है।

दो केंद्रीय मंत्रियों ने दिया था इस्तीफा
इससे पहले गुरुवार को टीडीपी के दोनों मंत्री अशोक गजपति राजू और वाईएस रेड्डी चौधरी ने पीएम मोदी से मुलाकात कर इस्तीफा दे दिया था। अशोक गजपति राजू जहां मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री थे तो वहीं वाईएस चौधरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री थे। इस्तीफा देने के बाद वाई एस चौधरी ने कहा था कि हम एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे लेकिन कोई मंत्रीपद नहीं लेंगे।

2 बीजेपी मंत्रियों का भी इस्तीफा
वहीं गुरुवार को ही केंद्र में मोदी सरकार से हटने के बाद बीजेपी के दो मंत्रियों ने चंद्रबाबू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। स्वास्थ्य मंत्री कामिनेनी श्रीनिवास और धर्मादा मंत्री पी मनिकलाया राव ने राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपने इस्तीफे सौंपे थे। मुख्यमंत्री ने बीजेपी सदस्यों की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने अपना कर्तव्य अच्छी तरह निभाया। वहीं बीजेपी के मंत्रियों ने मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल करने के लिए सीएम का शुक्रिया अदा किया।

चंद्रबाबू का छलका था दर्द
केंद्र सरकार से अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश विधानसभा में चंद्रबाबू का दर्द छलका था। नायडू ने कहा कि 29 बार दिल्ली जाने के बावजूद हमें प्रधानमंत्री की तरफ से निराशा हाथ लगी। उन्होंने रिश्ते बनाए रखने के लिए अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया। केंद्र सरकार से अलग होने के फैसले को चंद्रबाबू ने सही ठहराया। नायडू ने कहा, अरुण जेटली ने बुधवार को जो कहा वो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा आप पूर्वोत्तर राज्यों का हाथ मजबूती से थामे हुए हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश का नहीं। ये आंध्र प्रदेश के साथ भेदभाव है। बता दें कि बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता।

इनके पास है विशेष राज्य का दर्जा 
असम
नगालैंड
जम्मू और कश्मीर
अरुणाचल प्रदेश
मणिपुर
मेघालय
मिजोरम
सिक्किम
त्रिपुरा
उत्तराखंड
हिमाचल प्रदेश

क्या होता है विशेष राज्य का दर्जा?
विशेष दर्जा प्राप्त राज्य को केंद्रीय सहयोग के तहत प्रदान की गई राशि में 90 प्रतिशत अनुदान और 10 प्रतिशत कर्ज होता है। जबकि दूसरी श्रेणी के राज्यों को केंद्रीय सहयोग के तहत 70 प्रतिशत राशि कर्ज के रूप में और 30 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाती है।
 

Created On :   9 March 2018 5:49 PM IST

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