रघुराम राजन बोले - किसानों की कर्जमाफी समस्या का हल नहीं
- ऐसा करने से कृषि क्षेत्र में निवेश को तो नुकसान पहुंचता ही है
- साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी दबाव पड़ता है।
- रघुराम राजन का मानना है कि राजनीतिक दलों को चुनावी वादों में कृषि कर्जमाफी की घोषणा नहीं करनी चाहिए।
- रघुराम राजन ने शुक्रवार को 'ऐन इकनॉमिक स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया' नामक रिपोर्ट जारी करते हुए ये बात कही।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने भले ही 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा कर तीन राज्यों में सत्ता हासिल कर ली लो, लेकिन पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन इस वादे को सही नहीं मानते। रघुराम राजन का मानना है कि राजनीतिक दलों को चुनावी वादों में कृषि कर्जमाफी की घोषणा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से कृषि क्षेत्र में निवेश को तो नुकसान पहुंचता ही है, साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी दबाव पड़ता है।
रघुराम राजन ने शुक्रवार को "ऐन इकनॉमिक स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया" नामक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, "मैं यह बात हमेशा से कहता आ रहा हूं, यहां तक कि निर्वाचन आयोग को इस बारे में पत्र भी लिखा है। मेरे कहने का मतलब है कि कृषि क्षेत्र के संकट के कारणों के बारे में सोचना निश्चित तौर पर जरूरी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि कृषि कर्ज माफी से क्या उनका भला होने वाला है? क्योंकि किसानों का एक छोटा सा समूह ही इस तरह का कर्ज लेता है।" राजन ने कहा, "कृषि कर्ज माफी का लाभ गरीब किसान को नहीं मिल पाता है, इसका फायदा केवल उन लोगों को मिलता है जिनके बेहतर संपर्क होते हैं।"
राजन ने कहा, कर्जमाफी के बजाय कृषि क्षेत्र को एक वाइब्रेंट इंडस्ट्री बनाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि चुनावी सीजन में राजनीतिक पार्टियों की कर्जमाफी की घोषणा किसानों की समस्या का सबसे आसान और शॉर्ट टर्म उपाय है, लेकिन राजनीतिक दलों को सत्ता में आने के बाद इस समस्या का कोई दूसरा समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा, आज राजनीतिक व्यवस्था में विकल्पों का एक सीमित सेट है।
राजन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि किसानों को भी उनके हक से कम नहीं मिलना चाहिए। हमें एक ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जहां वह एक सक्रिय वर्कफोर्स बन सकें। इसके लिए निश्चित तौर पर अधिक संसाधनों की जरूरत है, लेकिन क्या ऋण माफी सर्वश्रेष्ठ विकल्प है, मेरे हिसाब से इस पर अभी बहुत विचार करना बाकी है।"
Created On :   14 Dec 2018 11:55 PM IST