प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य सीमाओं पर 1000 बसों की व्यवस्था : शिवराज

Arrangement of 1000 buses on state borders for migrant laborers: Shivraj
प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य सीमाओं पर 1000 बसों की व्यवस्था : शिवराज
प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य सीमाओं पर 1000 बसों की व्यवस्था : शिवराज

नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। लॉकडाउन के बीच जहां पूरे देश में हजारों मजदूर पैदल अपने घरों को लौट रहे हैं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि उन्होंने राज्य के बार्डर के पास मजदूरों को उनके संबंधित राज्यों के बार्डर तक पहुंचाने के लिए 1000 से ज्यादा बसों की व्यवस्था की है।

लॉकडाउन 4.0 की रणनीति के बारे में बताते हुए चौहान ने कहा कि वह अपने राज्य में आर्थिक गतिविधि की इजाजत देंगे, लेकिन कंटेंनमेंट जोन में किसी भी प्रकार के धार्मिक या औद्योगिक गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि नाई के सैलून लॉकडाउन के बाद से ही बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में उन्हें वित्तीय पैकेज मुहैया कराया जाएगा।

मीडियाकर्मियों के समूह के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस में चौहान ने कहा, आज की तारीख तक, हम देश के विभिन्न हिस्सों से अपने 3.84 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को वापस लेकर आए हैं।

मध्यप्रदेश से अन्य प्रदेशों की ओर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के बारे में उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश में, हमने यहां से दूसरे राज्य की यात्रा करने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए 1,000 से ज्यादा बसों की व्यवस्था की है। हमने बार्डर जिलों में उनके लिए नाश्ते और भोजन का भी बंदोबस्त किया है।

चौहान ने कहा, हमने सटे राज्यों से हमारे लोगों की सूची मांगी है या फिर उन्हें हमारे बार्डर जिले तक पहुंचाने के लिए कहा है और वहां से हम उन्हें बसों के जरिए उनके गृहजिले में पहुंचा देंगे।

आईएएनएस द्वारा यह पूछे जाने पर कि 18 मई से शुरू हो रहे लॉकडाउन 4.0 के लिए उनकी सरकार की क्या रणनीति है? उन्होंने कहा, जब लॉकडाउन की घोषणा हुई थी, तो हमारा उद्देश्य जान भी, जहान भी था। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की बात कर रहे हैं। हम अब सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर आर्थिक गतिविधि की इजाजज देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की आर्थिक गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी और लॉकडाउन 4.0 में किसी भी तरह के सार्वजनिक समारोहों और धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि नाईयों को वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी, क्योंकि 25 मार्च के बाद देशव्यापाी महाबंदी में इन लोगों के सैलून बंद हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत 13,600 करोड़ रुपये लोगों के खातों में दिए हैं। हम और सेक्टरों की पहचान कर रहे हैं, जो लॉकडाउन से ज्यादा प्रभावित हैं।

यह पूछे जाने पर कि कैसे मध्यप्रदेश में निवेश को आकर्षित करेंगे, जब बहुतायत विदेशी कंपनियां अब भारत में निवेश करना चाहती हैं? उन्होंने कहा, हम उद्यम शुरू करने हेतु लाइसेंस देने के लिए नियम सरल बनाएंगे। पहले एमएसएमई उद्योग शुरू करने के लिए एक आदमी को 63 फार्म भरने पड़ते थे। अब प्रक्रिया आसान बनाई गई है और सबकुछ ऑनलाइन है। अब कोई भी ऑनलाइन फार्म भर के उसी दिन परमिशन ले सकता है।

Created On :   16 May 2020 8:01 PM IST

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