35-A पर केन्द्र ने रुख साफ नहीं किया तो लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे : फारुक
- नेशनल कॉन्फ्रेंस इस मुद्दे पर आगामी पंचायत और निकाय चुनावों का पहले ही बहिष्कार कर चुकी है।
- नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अब लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बहिष्कार की धमकी दी।
- फारुक अब्दुल्ला ने कहा
- ' आर्टिकल 35-A पर केन्द्र ने रूख साफ नहीं किया तो लोकसभा चुनाव में भी हिस्सा नहीं लेंगे।'
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी पंचायत और निकाय चुनावों का बहिष्कार करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बहिष्कार की भी धमकी दी है। पार्टी अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर केन्द्र सरकार आर्टिकल 35-A को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो नेशनल कॉन्फ्रेंस केवल निकाय और पंचायत चुनाव ही नहीं बल्कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार करेगी।
We will not only boycott Panchayat elections but also Lok Sabha Assembly elections if the Centre doesn"t clear its stand on Article 35A and Article 370: Farooq Abdullah speaking at an event in Srinagar pic.twitter.com/PowoLkHuQK
— ANI (@ANI) September 8, 2018
गौरतलब है कि एनजीओ "वी द सिटिजन" ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार देने वाले आर्टिकल 35-A की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। NGO की इस याचिका पर छह और 27 अगस्त को सुनवाई भी हुई थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस इसे लेकर केन्द्र सरकार का लगातार विरोध कर रही है। पार्टी का आरोप है कि केन्द्र सरकार आर्टिकल 35-A में छेड़छाड़ कर जम्मू-कश्मीर से उसके अधिकार छीनना चाहती है। पार्टी का यह भी कहना है कि केन्द्र की बीजेपी सरकार के कारण इस आर्टिकल में छेड़छाड़ से कश्मीर में अशांति पैदा होगी।
पांच सितंबर को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसी मुद्दे पर पंचायत और निकाय चुनावों के बहिष्कार का भी ऐलान किया था। फारुक अब्दुल्ला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, "आर्टिकल 35-A पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का जो अधूरा रुख सामने आया है, वह राज्य के लोगों की भावनाओं के खिलाफ है। सरकार को इस महत्वपूर्ण आर्टिकल पर अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट करना चाहिए। जब तक केन्द्र सरकार और राज्य सरकार इस आर्टिकल पर अपना रुख साफ नहीं कर देते, तब तक नेशनल कॉन्फ्रेंस निकाय और पंचायत चुनावों में भाग नहीं लेगी।"
क्या है आर्टिकल 35-A
आर्टिकल 35-A के जरिये जम्मू-कश्मीर की सरकार को विशेष अधिकार प्राप्त है कि वहां का स्थायी निवासी कैसे तय होगा और अन्य नागरिकों को क्या-क्या अधिकार दिए जाएंगे। यह आर्टिकल राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल में लागू हुआ था। 14 मई 1954 से यह जम्मू-कश्मीर में लागू है। यह आर्टिकल, आर्टिकल 370 का ही एक हिस्सा है। इसकी वजह से कोई भी दूसरे राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में न तो संपत्ति खरीद सकता है और न ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है।
Created On :   8 Sept 2018 6:10 PM IST