बजट : अरुण जेटली बोले- किसानों को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रही कांग्रेस

बजट : अरुण जेटली बोले- किसानों को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रही कांग्रेस
हाईलाइट
  • केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश होने के बाद UPA सरकार पर निशाना साधा।
  • जेटली ने कहा कि किसानों को लेकर कांग्रेस मगरमच्छ के आंसू बहा रही है।
  • जेटली ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने पिछले 10 साल सत्ता में रहकर क्या किया?

डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। अमेरिका में इलाज करा रहे केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश होने के बाद UPA सरकार पर निशाना साधा। जेटली ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने पिछले 10 साल सत्ता में रहकर क्या किया? जेटली ने कहा कि यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान लोन माफ करने का ऐलान किया था, लेकिन इसके जगह उन्होंने पैसे अपने पहचान के ट्रेडर्स और बिजनसमैन को दे दिया। जेटली ने कहा कि किसानों को लेकर कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहा रही है और खुद ही उनके साथ गलत व्यवहार कर रही है।

जेटली ने कहा, "यूपीए सरकार ने किसानों के 70,000 करोड़ रुपए लोन माफ करने का ऐलान किया था। इसकी जगह उन्होंने केवल 52,000 करोड़ रुपए लोन माफ किए। कैग ने अपने रिपोर्ट में कहा  था कि 52,000 करोड़ रुपए में से ज्यादतर पैसे किसानों की जगह यूपीए सरकार के करीबी ट्रेडर्स और बिजनसमैन के एकाउंट में भेजे गए थे।" जेटली ने विपक्ष द्वारा 6 हेक्टेयर भूमि वाले किसानों को 6000 रुपए प्रति वर्ष देने की आलोचना पर विपक्ष को घेरते हुए कहा, "कृपया किसानों के लिए वह घड़ियाली आंसू न बहाएं। विपक्षी पार्टियों की सरकारें जहां जहां हैं, उन्हें भी इस स्कीम को लॉन्च करना चाहिए। इसके साथ ही किसान को इनकम सपोर्ट और सब्सिडी साथ लेने का अधिकार होगा।"

जेटली ने कहा, "हमारे कार्यकाल पर नजर डाला जाए तो, हमने 91 प्रतिशत ग्रामीण सड़क बनाई है। हमें विश्वास है कि 2022 तक सभी ग्रामीणों के सर पर छत होगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 98.7% लोगों के पास अब शौचालय है। सभी घरों में बिजली है।" नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (NSSO) द्वारा भारत में बेरोजगारी बढ़ने के आंकड़े को गलत बताते हुए जेटली ने कहा, "जिस तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, उस स्थिति में यह कहना कि देश में नौकरी पैदा नहीं हो रही गलत होगा।" 

विपक्ष ने आरोप लगाया था कि NDA सरकार का यह बजट केवल मतदाताओं को लुभाने के लिए है। इसपर जेटली ने कहा कि साल 2009 में, प्रणब मुखर्जी ने भी अंतरिम बजट पेश किया था। हालांकि इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने एक्साइज ड्यूटी को 2%  घटाने का ऐलान किया था। ऐसे में तब कांग्रेस को भी इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी। यहां तक कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इंजीनियरिंग प्रोडक्ट और ऑटोमोबाइल सहित कई प्रोडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी में छूट दी। अब वही तर्क यहां भी लिया जा सकता है। बजट और इलेक्शन किसी भी संसदीय लोकतंत्र की अहम कड़ी है। 

Created On :   1 Feb 2019 11:10 PM IST

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