प्रधानमंत्री के दौरे से पहले, राजनाथ सिंह ने अटल सुरंग का निरीक्षण किया

Before PMs visit, Rajnath Singh inspected Atal tunnel
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले, राजनाथ सिंह ने अटल सुरंग का निरीक्षण किया
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले, राजनाथ सिंह ने अटल सुरंग का निरीक्षण किया
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मनाली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रोहतांग र्दे के पास रणनीतिक तौर पर अहम अटल सुरंग (टनल) के उद्घाटन से एक दिन पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए सुरंग का निरीक्षण किया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां पास के एसएएसई हेलीपैड पहुंचने पर रक्षा मंत्री का स्वागत किया।

राजनाथ के साथ ही केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री सिंह ने अटल सुरंग का दौरा किया।

उन्होंने सुरंग के उत्तर और दक्षिण पोर्टल्स का भी दौरा किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने रक्षा मंत्री को अटल सुरंग की मुख्य विशेषताओं और रणनीतिक महत्व की इस परियोजना के उद्घाटन से जुड़ी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने मोदी द्वारा संबोधित किए जाने वाले कुल्लू जिले के सोलांग और लाहौल-स्पीति जिले के सिसु में रैली स्थलों का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया।

मोदी शनिवार को रोहतांग में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सभी-मौसम के लिए खोली जाने वाली अटल सुरंग का उद्घाटन करेंगे। यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि समारोह सुबह 10 बजे आयोजित किया जाएगा।

अटल सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी चार से पांच घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इससे पहले घाटी हर साल लगभग छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण अन्य हिस्सों से कट जाती थी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है।

इस टनल में हर रोज तीन हजार कार और डेढ़ हजार ट्रक गुजर सकेंगे। टनल के भीतर 80 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार तय की गई है। टनल के भीतर सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम होगा। यहां किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तमाम व्यवस्था भी की गई है।

टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। दोनों ओर एंट्री बैरियर रहेंगे। हर डेढ़ सौ मीटर पर आपात स्थिति में संपर्क करने की व्यवस्था होगी। हर 60 मीटर पर आग बुझाने का संयंत्र होगा। इसके अलावा हर ढाई सौ मीटर पर दुर्घटना का स्वयं पता लगाने के लिए सीसीटीवी का इंतजाम भी किया गया हैं। यहां हर एक किलोमीटर पर हवा की क्वालिटी जांचने का भी इंतजाम है।

इस टनल को बनाने का एतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। 26 मई 2002 को इसकी आधारशिला रखी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को इस टनल का नाम दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल टनल रखने का फैसला किया था।

एकेके/एएनएम

Created On :   2 Oct 2020 2:00 PM GMT

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