अमित शाह बोले- ममता का NRC विरोध बांग्लादेशी वोटबैंक के लिए, TMC ने किया पलटवार

Bhartiya Janta Party started preparation of election, Amit Shah in kolkata today
अमित शाह बोले- ममता का NRC विरोध बांग्लादेशी वोटबैंक के लिए, TMC ने किया पलटवार
अमित शाह बोले- ममता का NRC विरोध बांग्लादेशी वोटबैंक के लिए, TMC ने किया पलटवार
हाईलाइट
  • दोपहर तीन बजे एस प्लेनेट में भाषण देंगे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्य के मिदनापुर में रैली संबोधित कर चुके हैं।
  • भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव पर जोर देना शुरू कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव पर जोर देना शुरू कर दिया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की 42 में से 22 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। आज (शनिवार) शाह कोलकाता के दौरे पर रहे। बीजेपी चीफ ने कोलकाता के मेयो रोड पर रैली को संबोधित किया। शाह का भाषण दोपहर 2 बजे शुरू होकर 2.26 बजे खत्म हुआ। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मंच से ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बंगाल में नौ दुर्गा के दौरान हुए विवाद का जिक्र किया तो एनआरसी पर भी अपनी बात रखी। शाह ने कहा, "ममता एनआरसी के विरोध में दिल्ली आकर नेताओं से मुलाकात कर रही हैं। वो चाहें जितनी कोशिश कर लें, एनआरसी रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, "वोट बैंक की राजनीति के चक्कर में ममता बनर्जी ने बंगाल को बर्बाद कर दिया है। ममता को घुसपैठियों की तो फिक्र है, लेकिन बंगाल के लोगों की उन्हें जरा भी चिंता नहीं है।"

अमित शाह की इस रैली में कही गई बातों को TMC ने झूठ बताया है। TMC नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार पर लगाए गए सभी आरोप झूठें हैं और इस पर शाह को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, "यदि 72 घंटे के अंदर अमित शाह माफी नहीं मांगते है तो हम लीगल एक्शन लेंगे।"

क्या बोले अमित शाह :

02.25 PM : ममता बनर्जी ने बंगाल में दुर्गा जी का विसर्जन और स्कूलों में सरस्वती पूजा बंद करवा दी। भाजपा की सरकार बनी तो बंगाल में डंके की चोट पर दुर्गा पूजन होगा।

02.20 PM : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन लाख 59 करोड़ रुपए पश्चिम बंगाल को दिए, लेकिन वो पैसे कहां गए किसी को नहीं पता।

02.15 PM : बंगाल के अंदर भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है।

02.13 PM : एनआरसी घुसपैठ रोकने का सबसे कारगार तरीका है और भाजपा इसे लागू करने को प्रतिबद्ध।

02.10 PM : ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल के लोगों की फिक्र नहीं।

02.08 PM : बांग्लादेशी घुसपैठिए देश की सुरक्षा के लिए खतरा। ये लोग बंगाल में घुसपैठ करते हैं।

02.06 PM : ममता बनर्जी पहले कहती थीं, बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालो। अब वही बांग्लादेशी ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को वोट देते हैं।

02.03 PM : अमित शाह ने कहा, एयरपोर्ट से लेकर आयेजन स्थल तक पोस्टर लगे हैं, कि हम बांगला विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थापना ही बंगाल के श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी।

12.05 PM : अमित शाह कोलकाता पहुंचे। एयरपोर्ट पर कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ उनका स्वागत किया।

 

मिदनापुर में भाजपा कार्यकर्ताओं की बस पर हमला
शुक्रवार देर रात अमित शाह की रैली में आने के लिए निकले कार्यकर्ताओं की बस पर मिदनापुर में हमला हो गया। हमला करने वालों ने बस के कांच फोड़ दिए। बस नयाबसत इलाके में कार्यकर्ताओं को लेने के लिए देर रात रुकी थी, इस दौरान ही कुछ आसामाजिक तत्वों ने उसमें तोड़फोड़ कर दी। इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ है। घटना के बाद चंद्रकोना टाउन पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

 

 

 

कुछ दिनों पहले असम में एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट जारी किया गया था, जिसमें 3, 29,91,380 लोगों में से 2,89,38, 677 को असम की नागरिकता के योग्य पाया गया। ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं, जिन्हें अवैध माना जा रहा है। हालांकि सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट में नहीं हैं, उन्हें दावे-आपत्तियों के लिए समय दिया गया है।

 

 

ममता कर रही हैं एनआरसी का सबसे ज्यादा विरोध
असम में चल रहे एनआरसी का असर पश्चिम बंगाल में भी है। इसका सबसे ज्यादा विरोश टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही कर रही हैं। जिन लोगों का नाम सिटीजन रजिस्टर में नहीं है, उनमें 4 कैटेगरी के लोग शामिल हैं। इनमें पहली कैटेगरी संदिग्ध वोटर, दूसरी कैटेगरी संदिग्ध वोटरों के परिवार के लोग, तीसरी कैटेगरी फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में जिनके मामले लंबित हैं और चौथी कैटेगरी जिनके मामले लंबित हैं, उनके बच्चों की है। इनमें सबसे खराब कैटेगरी संदिग्ध वोटरों की रखी गई है। 1997 में चुनाव आयोग ने यह कैटेगरी शुरू की थी। ऐसे 1.30 लाख मामले फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में लंबित हैं और 1.25 लाख संदिग्ध वोटर असम में हैं। एनआरसी में उन लोगों के नाम हैं, जिनका नाम 1951 में या 24 मार्च 1971 तक किसी भी चुनाव में था। अब मौजूदा एनआरसी में उनके आश्रितों को शामिल किया जाना है। इसके अलावा जिन लोगों ने 1 जनवरी 1966 के बाद असम आने पर भी 25 मार्च 1971 से पहले खुद को केंद्र के नियमों के मुताबिक रजिस्टर करा लिया था, ऐसे लोगों को भी एनआरसी में शामिल किया गया है।

Created On :   11 Aug 2018 8:23 AM IST

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