भीमा कोरेगांव केस: पांच वामपंथी विचारकों पर SC में सुनवाई आज, केन्द्र पेश करेगी पक्के सबूत

Bhima Koregaon case: Supreme Court will be hearing matter on today
भीमा कोरेगांव केस: पांच वामपंथी विचारकों पर SC में सुनवाई आज, केन्द्र पेश करेगी पक्के सबूत
भीमा कोरेगांव केस: पांच वामपंथी विचारकों पर SC में सुनवाई आज, केन्द्र पेश करेगी पक्के सबूत
हाईलाइट
  • पक्के सबूतों के अभाव में टाल दी गई थी मामले की सुनवाई
  • केन्द्र सरकार ने सूबत पेश करने के लिए मांगा था समय
  • भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में की गई पांच वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
  • मामले में केन्द्र सरकार के ओर से आरोपियों के खिलाफ पेश किए जाएंगे पक्के सबूत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में की गई पांच वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ पांच एक्टिविस्टों के खिलाफ पुणे पुलिस की ओर से जुटाए गए सबूतों को परखेगी। पिछली सुनवाई में पक्के सबूत न मिलने की वजह से सुनवाई को 19 सिंतबर तक के लिए टाल दिया गया था। केन्द्र सरकार की ओर सुनवाई के दौरान कुछ और सबूत पेश करने की मोहलत मांगी गई थी। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने पक्के सबूत ने मिलने की बात कही थी। 

इस मामले में सरकार ने दावा किया था कि उन्हें लैपटॉप, हार्ड डिस्क से कई तरह दस्तावेज और अन्य सबूत मिले हैं। उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है। इस पर कोर्ट ने कहा, हम उनके खिलाफ सबूत देखना चाहते हैं। केन्द्र सरकार ने इन्हीं पक्के सबूतों को पेश करने के लिए कोर्ट से कुछ दिनों का समय मांगा था। लिहाजा कोर्ट ने 19 सिंतबर तक समय केन्द्र को दिया है। वहीं याचिकाकर्ता ने मामले की SIT जांच कराने की मांग की है। SC ने याचिकाकर्ता से पूछा है अगर वो मामले में SIT जांच चाहते हैं तो अपनी याचिका को संशोधित कर दायर करें।

पिछली सुनवाई में था सबूतों का अभाव
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि पुणे पुलिस की ओर से जुटाए गए सबूत पर्याप्त नहीं होने की स्थिति में मामले की जांच SIT को सौंपी जा सकती है। कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को 45 मिनट और बचाव पक्ष के वकील को 15 मिनट में दलीलें पूरी करने को कहा था। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने फिर याचिका का विरोध किया था।उन्होंने कहा था कि ये याचिका ऐसे लोगों ने डाली है, जिनका केस से कोई सरोकार नहीं और न ही उन्हें केस के बारे में पता है,इस पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए। 

पीएम की हत्या की साजिश का मामला
इस मामले को लेकर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि यह मामला पीएम की हत्या की साज़िश का है, जबकि FIR में इसका कोई जिक्र नहीं है। अगर मामला इतने गंभीर आरोपों से जुड़ा है तो इसकी CBI या NIA जांच क्यों नहीं कराई जा रही? उन्होंने कहा, दोनों FIR में पांचों का नाम नहीं है, ना ही उन्होंने किसी सम्मेलन में भाग लिया था। उन्होंने बताया इसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के पूर्व जज भी शामिल हुए थे। इससे पहले भी इन लोगों पर कई मामले दर्ज हुए थे, लेकिन सभी में वे बरी हो गए थे।

 

 

 

 

Created On :   19 Sep 2018 2:14 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story