बिहार में बाढ़ की आशंका को लेकर अलर्ट, बचाव के लिए होगा ड्रोन का उपयोग

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बिहार में बाढ़ की आशंका को लेकर अलर्ट, बचाव के लिए होगा ड्रोन का उपयोग
हाईलाइट
  • बिहार में बाढ़ की आशंका को लेकर अलर्ट
  • बचाव के लिए होगा ड्रोन का उपयोग

पटना, 8 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में बाढ़ की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग ने भी बाढ़ को लेकर पूरी तैयारी की है।

एक अधिकारी ने बताया कि मौसम अनुमान एजेंसियों के माध्यम से प्राप्त सूचना के आधार पर जल संसाधन विभाग ने 8 जुलाई से 12 जुलाई तक बागमती बेसिन में भारी बारिश की सूचना दी है। अतिवृष्टि की संभावना से पूर्वी चम्पारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा, बेगूसराय, खगड़िया, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, भागलपुर और बांका जिले में बाढ़ की संभावना बन सकती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारी बारिश की संभावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह अलर्ट में रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों के बीच माइकिंग के जरिए इसका विशेष रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाए, जिससे निष्क्रमण की कार्रवाई त्वरित गति से हो सके।

इधर, राज्य में इस साल ड्रोन से तटबंधों की निगरानी होगी और इससे बाढ़ पीड़ितों की भी खोज की जाएगी। जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, राज्य के अति संवेदनशील बांधों की निगरानी के लिए ड्रोनों का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही इंजीनियरों की मोबाइल टीम भी तटबंधों की सतत निगरानी करेगी।

बाढ़ बचाव में भी इस बार ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि बाढ़ में दूर दराज के इलाकों में फंसे लोगों की खोज करने में ड्रोन काफी उपयोगी साबित हो सकता है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने इस संबंध में सभी जिला पदाधिकारी और प्रमंडलीय आयुक्त को निर्देश दिया है।

विभाग ने कहा है कि आपदा में विशेषकर बाढ़ के दौरान नाव से लोगों को निकालने में कई परेशानी होती है। खासकर दूरदराज इलाकों में फंसे होने पर उनकी सही स्थिति का अंदाजा नहीं लग पाता है। इस कारण बचाव और राहत का काम देर से शुरू हो पाता है। ऐसे में जान-माल के नुकसान की आशंका अधिक रहती है।

बाढ़ सहित अन्य आपदा में ड्रोन के उपयोग करने का निर्णय 22 जून को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में लिया गया। बाढ़ के अलावा अन्य आपदा में भी लोगों के फंसे होने पर ड्रोन की सहायता ली जा सकती है।

Created On :   8 July 2020 3:00 PM IST

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