बिहार : चुनावी शह-मात में बागियों की शरणस्थली बनी लोजपा

Bihar: LJP became refugee for rebels in electoral fights
बिहार : चुनावी शह-मात में बागियों की शरणस्थली बनी लोजपा
बिहार : चुनावी शह-मात में बागियों की शरणस्थली बनी लोजपा
हाईलाइट
  • बिहार : चुनावी शह-मात में बागियों की शरणस्थली बनी लोजपा

पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनावी संग्राम में सियासत का संघर्ष बदलता नजर आ रहा है। टिकट कटने या सहयोगी दलों के हिस्से में सीट जाने के बाद बगावती तेवर अपनाए नेताओं के लिए सहारा के रूप में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का ठिकाना मिल रहा है, जिससे चुनावी संघर्ष रोमांचक हो गया है।

केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल लोजपा बिहार चुनाव में भले ही राजग से अलग चुनावी मैदान में हो, लेकिन बगावती तेवर अपना चुके राजग नेताओं के लिए लोजपा बिहार में शरणस्थली बनी हुई है। लोजपा में जाने वाले नेताओं को लोजपा के रूप में अपनों का साथ भले ही मिला हो लेकिन राजग के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि लोजपा अब राजग में नहीं है।

भाजपा की वरिष्ठ नेता उषा विद्यार्थी ने बुधवार को लोजपा का दामन थाम लिया विद्यार्थी बिहार भाजपा की उपाध्यक्ष और प्रदेश मंत्री भी रह चुकी हैं।

लोजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद विद्यार्थी कहती हैं कि चिराग का नीतीश पर लिए गए स्टैंड से प्रभावित हुई और बिहार को आगे ले जाने के लिए कुछ कठोर फैसले लेने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट एक विचार है।

इससे पहले मंगलवार को भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह लोजपा में शामिल हो गए थे।

सूत्रों के मुताबिक, वे दिनारा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। दिनारा से जदयू ने अपने मंत्री जयकुमार सिंह को टिकट दिया है।

इधर, बताया जाता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और नोखा से विधायक रह चुके रामेश्वर चौरसिया, सासाराम से पांच बार भाजपा विधायक रहे जवाहर प्रसाद भी पार्टी से नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि लोजपा ऐसे लोगों से संपर्क में है।

सूत्र बताते हैं कि भोजपुर के भाजपा नेता राम संजीवन सिंह, जहानाबाद के देवेश शर्मा, गया के रामावतार सिंह, जदयू के औरंगाबाद जिला के पूर्व उपाध्यक्ष आर एस सिंह तथा खगड़िया के पूर्व जदयू उपाध्यक्ष कपिलदेव सिंह समेत कई नेता लोजपा के संपर्क में हैं।

लोजपा के एक नेता कहते हैं, पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के संपर्क में भाजपा, जदयू और राजद के दर्जनों दिग्गज नेता हैं जो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। पार्टी द्वारा मजबूत वोट आधार वाले नेताओं को सिंबल देने में प्राथमिकता दी जा रही है। चिराग पासवान जल्द ही पहले चरण के उम्मीदवारों की सूची घोषित करेंगे।

लोजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के मीडिया पैनल में शामिल संजय सर्राफ ने आईएएनएस से कहा कि अगर कोई पार्टी की सदस्यता ग्रहण करता है तो इसमें कोई बुराई है क्या?

उन्होंने कहा कि भाजपा, जदयू के कई मंत्री अभी पार्टी के संपर्क में है। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, लोजपा 143 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची तैयार कर रखी है, लेकिन हाल ही में पार्टी में शामिल हुए नेताओं में से कोई कद्दावर या मजबूत वोट आधार वाला नेता होंगे तो कार्यकर्ताओं की राय के बाद उसे भी टिकट दिया जा सकता है। प्रत्याशी चयन में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं की जाएगी।

एमएनपी-एसकेपी

Created On :   7 Oct 2020 2:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story