बिहार: महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी ने अपनाई वेट एंड वाच की रणनीति

Bihar: Manjhi adopts weight and watch strategy after separating from Grand Alliance
बिहार: महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी ने अपनाई वेट एंड वाच की रणनीति
बिहार: महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी ने अपनाई वेट एंड वाच की रणनीति

पटना, 24 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन से भले ही हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने खुद को अलग कर लिया हो, लेकिन पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भविष्य को लेकर अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कहा जा रहा है कि वे वेट एंड वॉच की रणनीति के तहत अपनी योजना को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं।

मांझी 20 अगस्त को महागठबंधन को झटका देते हुए मांझी ने खुद को महागठबंधन से अलग राह पर चलने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि वे जल्द ही जनता दल (युनाइटेड) के साथ गठबंधन कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो जाएंगें। लेकिन, अब तक उन्होंने अपनी आगे की रणनीति की घोषणा नहीं की है।

इधर, सूत्रों का कहना है कि मांझी ने जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव से बात की है। पप्पू यादव की पार्टी भी अभी किसी गठबंधन में शामिल नहीं है। सूत्रों का कहना है कि मांझी अभी कुछ दिनों तक वेट एंड वाच की स्थिति में रहेंगे, उसके बाद अपने पत्ते खोलेंगे।

सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि मांझी की नजदीकियां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू के साथ बढ़ी हैं और पार्टी के साथ आने को लेकर उनकी चर्चा अंतिम दौर में हैं।

इस बीच हालांकि पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, कई पार्टियों ने मांझी जी से संपर्क किया है और सभी लोगों ने उन्हें अपने साथ आने का निमंत्रण दिया है। इस महीने के अंत तक सभी स्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही बिहार के विकास के प्रति संवदेनशील है, और इसमें कोई शक नहीं है कि नीतीश कुमार ने अपने मुख्यमंत्री काल में बिहार के विकास में लंबी लकीर खींची है।

मांझी ने भी रविवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हम की नीतियों से जो दल सबसे करीब होगा उसके साथ ही गठबंधन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महागठबंधन में वापसी का कोई सवाल नहीं है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जिन क्षेत्रों में अच्छा काम करते हैं, उसके लिए उनकी प्रशंसा करते हैं।

उल्लेखनीय है कि राजद, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हम के गठबंधन में मांझी लगातार समन्वय समिति बनाने की मांग करते रहे थे। मांझी ने चेतावनी दी थी कि अगर समिति बनाने को लेकर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो वे महागठंधन छोड़कर अलग रास्ता अख्तियार कर सकते हैं।

गौरतलब है कि मांझी 2018 में राजग को छोडकर महागठबंधन में शामिल हुए थे।

एमएनपी-एसकेपी

Created On :   24 Aug 2020 3:00 PM IST

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