बिहार : दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं, नेताओं में असमंजस

Bihar: Situation in both alliances is not clear, confusion among leaders
बिहार : दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं, नेताओं में असमंजस
बिहार : दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं, नेताओं में असमंजस
हाईलाइट
  • बिहार : दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं
  • नेताओं में असमंजस

पटना, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। निर्वाचन आयोग की एक टीम बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर वापस लौट गई है तथा संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही चुनाव की तिथियों की घोषणा भी कर दी जाएगी, लेकिन राज्य के दोनों गठबंधनों में अब तक सीट बंटवारे को लेकर घटक दलों में असमंजस कायम है।

घटक दलों के नेताओं में क्षेत्रों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में अभी भी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और जनता दल (युनाइटेड) में सीट बंटवारे को लेकर तानातनी बरकरार है।

लोजपा की बुधवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत देकर राजग की बेचैनी बढ़ा दी है। हालांकि, बिहार के सियासी हलकों को इसे केवल दबाव की राजनीति बताई जा रही है।

इधर, भाजपा और जदयू ने भी अभी सीट बंटवारे को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बिहार भाजपा प्रदेष अध्यक्ष संजय जायसवाल कहते हैं कि भाजपा अपनी परंपरागत सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि गठबंधन को लेकर कहीं कोई असमंजस नहीं है।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा बिहार दौरे पर मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार से मिलकर स्पष्ट कर चुके हैं कि गठबंधन में कहीं कोई समस्या नहीं है।

इधर, विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीटों को लेकर अभी भी तानातनी बनी हुई है। महागठबंधन में शामिल छोटे दल -- विकासशील इंसान पार्टी और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) वेट एंड वाच की भूिमका में है।

सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे को लेकर अभी तक राजद के नेता तेजस्वी यादव ने बातचीत भी शुरू नहीं की है। घटक दलों के नेता राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से बात कर रहे हैं।

महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि पार्टी के हिस्से कौन सी सीटें आएगी, यह भी कांग्रेस को पता नहीं है। ऐसे में प्रत्याशी अपने पसंदीदा क्षेत्र में क्या तैयारी करेंगे। उन्होंने रोष प्रकट करते हुए कहा कि सीट बंटवारे में हुई देरी के कारण ही लोकसभा में महागठबंधन की बुरी तरीके से हार हुई थी, इस चुनाव में भी फि र से वही स्थिति बन रही है।

रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी सीट बंटवारे में हो रही देरी पर अपनी नाराजगी जताते हुए कह चुके हैं कि सीट बंटवारा जितना जल्दी हो जाए वह अच्छा होगा। पहले ही इसमें काफी देरी हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग नहीं माने जाने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा पहले ही महागठबंधन को छोड़कर राजग में शामिल हो चुकी है।

बहरहाल, बिहार विधानसभा चुनाव के अक्टूबर और नवंबर महीने में होने की संभावना है। फि लहाल बनी परिस्थितियों में माना जा रहा है कि चुनाव में मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों के बीच होगा, लेकिन अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से दोनों गठबंधनों के नेताओं में मायूसी है।

एमएनपी-एसकेपी

Created On :   17 Sept 2020 1:31 PM IST

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