बिहार : उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश को लिखा पत्र, तत्काल राहत पहुंचाने के दिए सुझाव

Bihar: Upendra Kushwaha wrote a letter to Nitish, suggested to provide immediate relief
बिहार : उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश को लिखा पत्र, तत्काल राहत पहुंचाने के दिए सुझाव
बिहार : उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश को लिखा पत्र, तत्काल राहत पहुंचाने के दिए सुझाव

पटना, 14 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा की मांग करने का सही समय बताते हुए कई सुझाव दिए हैं।

कुशवाहा ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना के दौर में तमाम आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं और देश भर से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस आ रहे हैं। यहां के किसान, मजदूर, दुकानदार और छोटे-मोटे काम करने वाले लोगों पर बड़ी मार पड़ी है। बड़े उद्यम चलाने वाले भी बहुत संकट में हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में राज्य के सामने उनको रोजगार मुहैया कराने की बड़ी चुनौती होगी।

उन्होंने आगे लिखा, अप्रैल महीने में राज्य की बेरोजगारी दर 46़ 6 फीसदी के साथ अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। सरकार ने इस साल 2़11 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था और अब केंद्र सरकार भी 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज ला चुकी है। इसमें राज्यों का भी पर्याप्त हिस्सा होगा। सरकार को राज्य की आर्थिक गतिविधियों को चलाने के लिए बड़े आर्थिक पैकेज के साथ लोगों को राहत पहुंचाने का काम करना चाहिए।

कुशवाहा ने मुख्यमंत्री को सुझाव देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार से तत्काल विशेष राज्य का दर्जा मांगने का यह सही समय है। पत्र में लिखा गया है कि राज्य के धोबी, लुहार, बढ़ई, दर्जी, रेहड़ी-पटरी और नाई का काम करने वाले परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये दिए जाएं, तथा सब्जी व फूल उत्पादकों को प्रति एकड़ 5,000 रुपये की राहत दी जाए।

कुशवाहा ने ऑटो-टैक्सी एवं ठेला-रिक्शा चलाकर गुजारा करने वाले परिवारों, संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों, कुशल व अकुशल श्रमिकों तथा खेतिहर मजदूरों को 5,000 रुपये की मदद देने की मांग की। ठप पड़ चुके मुर्गीपालकों को फिर से कारोबारा शुरू करने के लिए सब्सिडी के साथ वर्किं ग कैपिटल लोन मुहैया कराने तथा मछुआरों, मत्स्यपालकों, भेड़-बकरी पालकों व इनसे जुड़ें परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये देने की मांग की है।

कुशवाहा ने कहा, किसानों को कई जिलों में गेहूं इनपुट अनुदान नहीं मिल रहा है। जब गेहूं पकने का समय था, उन्हीं दिनों बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण फसलों को 25-30 फीसदी का नुकसान हुआ। सरकार गेहूं किसानों को भी इनपुट अनुदान दे। लीची किसानों पर लॉकडाउन और मौसम की दोहरी मार पड़ी है। इस वर्ग को भी विशेष सहायता की जरूरत है और उनके नुकसान का आकलन कर उन्हें आर्थिक सहयोग किया जाए।

इसके अलावा भी कुशवाहा ने कई तरह के सुझाव दिए हैं।

Created On :   14 May 2020 8:30 PM IST

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