बीजेपी संसदीय दल की बैठक में तैयार हुई राफेल मसले से निपटने की रणनीति

BJP Chief Amit Shah says Rahul Gandhis style of politics is undemocratic
बीजेपी संसदीय दल की बैठक में तैयार हुई राफेल मसले से निपटने की रणनीति
बीजेपी संसदीय दल की बैठक में तैयार हुई राफेल मसले से निपटने की रणनीति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर लगातार वार कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई बार पीएम मोदी पर इस मामले को लेकर हमला बोल चुके है। इस बीच राफेल सौदे के बढ़ते विवाद को देखते हुए बीजेपी की संसदयी दल की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में कांग्रेस के आरोपों से निपटने की रणनीति को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी की राजनीतिक शैली को अलोकतांत्रिक बताते हुए हमला बोला। आपको बता दें कि बैठक में पीएम मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।

राहुल की राजनीतिक शैली अलोकतांत्रिक
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। अनंत कुमार के अनुसार, बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राफेल सौदे की मुख्‍य बातें बताई जा चुकी हैं और आगे भी बताई जाएंगी, लेकिन हर एक चीज को लेकर चर्चा करना देश हित में कितना उचित होगा? अमित शाह ने कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि उनकी राजनीतिक शैली अलोकतांत्रिक है। इसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान इस तरह की अड़चनें पैदा की गईं।

"मैं बोलता हूं तो सदन स्थगित हो जाता है"
इससे पहले गुरुवार को सदन से बाहर निकलकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को घेरा था। मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा था कि "संसद का एक नियम है कि जब कोई किसी मुद्दे को उठाता है या उसके बारे में बात की जाती है, तो उसे बोलने का मौका दिया जाता है, लेकिन जब मैं संसद में राफेल डील के मुद्दे को उठाना चाहता हूं को सदन स्थगित कर दिया जाता है।" कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को लिखित में नोटिस दिया है कि उन्हें बोलने का मौका दिया जाए। राहुल ने रूल-357 के तहत लोकसभा स्पीकर को नोटिस लिखा है कि उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाना चाहिए।

क्या है राफेल डील?
भारत ने 2010 में फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट खरीदने की डील की थी। उस वक्त यूपीए की सरकार थी और 126 फाइटर जेट पर सहमित बनी थी। इस डील पर 2012 से लेकर 2015 तक सिर्फ बातचीत ही चलती रही। इस डील में 126 राफेल जेट खरीदने की बात चल रही थी और ये तय हुआ था कि 18 प्लेन भारत खरीदेगा, जबकि 108 जेट बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में असेंबल होंगे यानी इसे भारत में ही बनाया जाएगा। फिर अप्रैल 2015 में मोदी सरकार ने पेरिस में ये घोषणा की कि हम 126 राफेल फाइटर जेट को खरीदने की डील कैंसिल कर रहे हैं और इसके बदले 36 प्लेन सीधे फ्रांस से ही खरीद रहे हैं और एक भी राफेल भारत में नहीं बनाया जाएगा।

एक राफेल जेट कितने का?
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने "सीक्रेसी" का हवाला देते हुए राफेल डील की कीमत तो नहीं बताई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में डिफेंस मिनिस्ट्री के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राफेल के 36 प्लेन की कीमत 3402 मिलियन यूरो यानी 27,216 करोड़ रुपए है। इसके साथ ही इन जेट्स के स्पेयर पार्ट्स के लिए 14,400 करोड़ रुपए, जलवायु के अनुकूल बदलाव करने के लिए 13,600 करोड़ रुपए और उसके रखरखाव के इंतजाम करने के लिए 2,824 करोड़ रुपए का खर्च पड़ा है। अगर इन सब खर्चों को जोड़ा जाए तो 36 राफेल फाइटर जेट की डील 58,040 करोड़ रुपए में हुई और इस तरह से एक राफेल जेट 1,612 करोड़ रुपए में पड़ा।

Created On :   9 Feb 2018 5:05 PM IST

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