भारत-पाक युद्ध में जख्मी सैनिक को चार माह में जमीन दे सरकार : बांबे हाईकोर्ट

Bombay HC instruct govt to allot land for the injured soldier of 1971 war
भारत-पाक युद्ध में जख्मी सैनिक को चार माह में जमीन दे सरकार : बांबे हाईकोर्ट
भारत-पाक युद्ध में जख्मी सैनिक को चार माह में जमीन दे सरकार : बांबे हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में शामिल थल सेना के पूर्वसैनिक को चार महीने के भीतर जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया है। इस तरह से 47 वर्षों बाद पूर्व सैनिक को अब जमीन मिल सकेगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने अब तक जमीन न आवंटित करने के लिए सरकार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि राजस्व अधिकारियों व जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को इस तरह के मामलों में सहानूभूति पूर्व विचार करना चाहिए।

दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश 

जस्टिस अभय ओक और जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने यह निर्देश थल सेना से सेवानिवृत्त हुए हिंदुराव जगन्नाथ इंगले की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। बेंच ने इस मामले में सरकार पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया और जुर्माने की रकम इंगले को देने का निर्देश दिया है। बेंच ने कहा कि यह बेदह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व सैनिक जो लाभ पाने का हक रखता था, उसे अपना अधिकार पाने के लिए सालों छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों के चक्कर काटने पड़े। 1971 में जब भारत पाकिस्तान युध्द हुआ था तब इंगले सेना में ड्राइवर के रुप में कार्यरत थे। युद्द के दौरान उन्हें कई गोलियां लगी थी जिससे वे गंभीररूप से घायल हो गए थे। इसके बाद वे सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे।

2008 में किया था जमीन के लिए आवेदन

हिंदुराव जगन्नाथ इंगले ने सरकार के शासनादेश के तहत 2008 में जमीन के लिए आवेदन किया था लेकिन सरकारी अधिकारियों ने उनके आवेदन पर यह कह कर विचार करने से इंकार कर दिया कि उन्हें गैलेंटरी अवार्ड नहीं मिला है। इसके बाद इंगले ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने अदालत को शासनादेश के प्रावधानों के बारे में बताया कि सरकारी अधिकारियों ने गलत तरीके से शासनादेश को समझा है। उसमें भारत-पाक युध्द में शामिल होनेवाले व इस युद्द में घायल होने वाले सैनिक के लिए भी जमीन देने का प्रावधान है। इन दलीलों को सुनने के बाद बेंच ने उपरोक्त निर्देश दिया।

Created On :   27 Feb 2018 11:08 PM IST

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