हाईकोर्ट ने पूछा- खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए सरकार की क्या नीति है?

Bombay high court question from government for Adulteration in foodstuffs
हाईकोर्ट ने पूछा- खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए सरकार की क्या नीति है?
हाईकोर्ट ने पूछा- खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए सरकार की क्या नीति है?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि अन्न व औषध प्रशासन (FDA) काफी समय से रखे हुए खाद्यपदार्थों में मिलावट से जुड़े नमूनों की जांच जल्द से जल्द पूरा करे। इसके साथ ही सरकार हमे बताए कि क्या उसने खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए कोई नीति बनाई है? ताकि फलों,सब्जियों व खाद्य पदार्थों में खतरनाक कीटनाशक के इस्तेमाल को रोका जा सके। इस बीच अदालत ने सरकार को पंजाब की तरह महाराष्टट्र में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने का भी सुझाव दिया। हाईकोर्ट में सीटिजन सर्कल फार वेलफेयर एज्युकेशन नामक गैर सरकारी संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में दावा किया गया है कि फलो व सब्जियों को पकाने व आकर्षक बनाने के लिए खतरनाक रसायनों व कीटनाशकों का बडे पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। जो इंसान की सेहत के लिए काफी खतरनाक है। सरकार को इस पर रोक लगाने का निर्देश दिया जाए।

500 अधिक नमूने जांच के लिए प्रलंबित
इससे पहले जस्टिस नरेश पाटील व गिरीष कुलकर्णी की बेंच ने पाया कि पिछले एक साल से मिलावटी खाद्य पदार्थो के पांच सौ अधिक नमूने जांच के लिए प्रलंबित है और उनकी रिपोर्ट नहीं मिली है। मिलावटी खाद्य पदार्थों के नमूनों में तेल,दूध व अंकुरित अनाज शामिल है। मामले को लेकर सरकार के रुख से नाराज बेंच ने अगली सुनवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा व FDA के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा पशुपालन विभाग के संयुक्त आयुक्त व मनपा के स्वास्वथय विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।

जांच के लिए सिर्फ तीन प्रयोगशलाएं
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि मिलवाटी नमूनों की जांच के लिए उनके पास सिर्फ तीन प्रयोगशलाएं है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों की जांच करने वाले अधिकारियों की भी कमी है। इस पर बेंच ने कहा कि FDA सार्वजनिक स्वास्थय विभाग से इस संबंध में सहयोग क्यों नहीं लेता? जवाब में सरकारी वकील ने कहा कि स्वास्थय विभाग के पास 15 प्रयोगशलाएं है। उनसे सहयोग लेने के बारे में विचार हो रहा है। इस बीच सरकारी वकील ने बेंच के सामने एक चार्ट पेश किया। जिसमे जांच के लिए प्रलंबित नमूने की संख्या पर गौर करने के बाद अप्रसन्नता जाहिर की और FDA को जल्द से जल्द नमूनों की जांच को पूरा करने को कहा। बेंच ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 7 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है।

Created On :   28 Feb 2018 10:44 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story