BSF जवान रमजान की हत्या में लश्कर के आतंकियों का हाथ

BSF Jawan Ramzan Parray shot dead by terrorists in Bandipora
BSF जवान रमजान की हत्या में लश्कर के आतंकियों का हाथ
BSF जवान रमजान की हत्या में लश्कर के आतंकियों का हाथ

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू कश्मीर में आतंकियों के हौसले अब इतने बुलंद हो गए हैं कि, वो घर में घुसकर जवानों की हत्या कर रहे हैं। कश्मीर के बांदीपोरा में  अपने घर में छुट्टी मनाने गए BSF जवान मोहम्मद रमजान पारे को आतंकियों ने घर में घुसकर गोलियों से भून डाला, जिससे उनकी मौत हो गई। रमजान के साथ-साथ उनके परिवार के 4 लोग भी घायल हुए हैं। BSF में कॉन्स्टेबल रमजान बारामुला में तैनात थे और छुट्टी मनाने के लिए बांदीपोरा स्थित अपने घर पर आए हुए थे। रमजान की हत्या में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया जा रहा है। 

रमजान की हत्या में लश्कर का हाथ: IG

नॉर्थ कश्मीर के IG नीतीश कुमार ने बताया कि रमजान की हत्या में लश्कर-ए-तैयबा के मोहम्मद भाई गुट का हाथ हो सकता है। उन्होंने बताया कि इस हमले में 3-4 आतंकी शामिल हो सकते हैं। IG का कहना है कि ये आतंकी पहले रमजान के घर गए और चाकू से हमला किया। इसके बाद उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी, जिससे रमजान की मौके पर ही मौत हो गई। 

अंधाधुंध फायरिंग करने लगे आतंकी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार रात करीब 10 बजकर 5 मिनट पर कुछ आतंकी रमजान के घर आए और उन्हें बाहर आने को कहा। जब रमजान के परिवार वालों ने आतंकियों का विरोध किया, तो गुस्साए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें 33 साल के BSF जवान रमजान की मौत हो गई, जबकि इस फायरिंग में उनके परिवार के 4 लोग भी घायल हो गए हैं। घायलों में अहमद पारे, जावेद अहमद पारे, अफजल पारे और हबला बेगम शामिल है। 

37 दिन की छुट्टी पर आए थे रमजान

BSF की 73वीं बटालियन के मोहम्मद रमजान पारे 37 दिन की छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे। रमजान 26 अगस्त 2017 से छुट्टी पर थे और कुछ ही दिनों में उनकी फिर से तैनाती होनी थी, लेकिन उसके पहले आतंकियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि बुधवार रात करीब 10 बजे कुछ आतंकी मोहल्ला हाजिन में मोहम्मद रमजान पारे के घर आए और अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी। जिससे रमजान की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में घायल रमजान के परिवार वालों को श्रीनगर के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया है। 

 

 

BSF ने जारी की थी एडवाइजरी

पिछले कुछ महीनों में BSF ने जवानों को घर जाने पर सावधानी बरतने को कहा था। इस मामले में BSF ने 2 बार एडवाइजरी भी जारी की थी। पहली एडवाइजरी BSF के एक ऑफिसर को आतंकियों की धमकी मिलने के बाद जारी की गई थी, जबकि दूसरी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या के बाद जारी की गई थी।  

छुट्टी पर गए उमर फैयाज को भी आतंकियों ने मार दिया था

इससे पहले 10 मई 2017 को भारतीय सेना के जवान लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को भी आतंकियों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। 22 साल के शहिद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज अपने किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी पर आए हुए थे। वहीं आकर आतंकियों ने पहले उन्हें अपने साथ ले गए और फिर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। उमर फैयाज की हत्या के बाद सेना ने ऑपरेशन चलाया और उनकी हत्या में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी इशफाक पड्डेर को मार गिराया था। 

क्यों करते हैं आतंकी ऐसी हरकत? 

दरअसल, आतंकवादी इस तरह की हरकतों से कश्मीरी युवाओं को डराने और धमकाने का काम करते हैं। आतंकी चाहते हैं कि कश्मीर से कोई भी युवा सेना या पुलिस में न जाए। इसलिए वो सेना या पुलिस के जवानों की हत्या करके ये संदेश देने की कोशिश करते हैं, कि अगर कोई भी सेना या जवान में भर्ती हुआ तो उसका भी हाल वही होगा, जो इनका हुआ है। 

पाक के टुकड़े करने का वक्त : स्वामी

रमजान की हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ये रोने का वक्त नहीं है। पहले हमने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे, अब चार टुकड़े करने का वक्त है। 

Created On :   28 Sep 2017 2:42 AM GMT

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