बेरोजगारी से अच्छा है, पकौड़े बेचकर पैसा कमाएं : RS में अमित शाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेशनल प्रेसिडेंट अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया। उन्होंने कहा कि "हमें विरासत में क्या मिला? जब हमारी सरकार ने कामकाज संभाला तो उस वक्त काफी गड्ढे थे, उन्हें ही भरने में समय लग गया।" इसके साथ ही अमित शाह ने "पकौड़े विवाद" पर कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा कि पकौड़े बेचना कोई शर्म की बात नहीं है। बेरोजगार रहने से अच्छा है कि कोई युवा पकौड़े बेचकर पैसे कमाए। बता दें कि जिस वक्त अमित शाह अपनी स्पीच दे रहे थे, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे।
पहली बार गैर कांग्रेसी पार्टी की सरकार बनी
अमित शाह ने राज्यसभा में दिए अपने पहले भाषण में कहा कि "हमारी सरकार को विरासत में क्या मिला? जब हमारी सरकार ने कामकाज संभाला तो उस वक्त काफी गड्ढे थे, उन्हें ही भरने में काफी समय लग गया। महिलाएं असुरक्षित महसूस करती थीं। सीमा पर तैनात जवान कुछ नहीं कर पाते थे। 2014 में चुनाव आया और 30 साल बाद जनता ने ऐतिहासिक फैसला दिया। आजादी के बाद पहली बार गैर कांग्रेसी पार्टी की सरकार बनी। हमारी सरकार को समस्या का समाधान खोजने के लिए जनता ने बहुमत दिया।" अमित शाह ने ये भी कहा कि "हमने 2014 के चुनावों से पहले ही पीएम कैंडिडेट का नाम तय कर दिया था। इसके बावजूद हमने सेंट्रल हॉल में एनडीए से मनोनीत कराया।"
पीएम के कहने पर 1 करोड़ से ज्यादा ने गैस सब्सिडी छोड़ी
बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने कहा कि "विकास की पंक्ति में जो सबसे आखिरी में खड़ा है, उसे आगे खड़े हुए व्यक्ति के बराबर देना ही अंत्योदय है और हमारी सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर चलती है।" उन्होंने कहा कि "शास्त्री जी के बाद पहली बार नरेंद्र मोदी जी की ऐसी बात सुनी और लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी। मुझे ये बताते हुए गर्व हो रहा है कि 1 करोड़ 30 लाख लोगों ने प्रधानमंत्री जी के कहने पर गैस सब्सिडी को छोड़ दिया।" शाह ने ये भी कहा कि "जन धन योजना के जरिए 31 करोड़ बैंक अकाउंट इस देश में खोले गए हैं। आज हर परिवार के पास बैंक अकाउंट है।"
पकौड़े बनाने वाले की तुलना भिखारी से करना शर्मनाक
इसके आगे शाह ने कहा कि "पकौड़ा बनाना कोई शर्म की बात नहीं है, लेकिन पकौड़े बनाने वाले की तुलना भिखारी से करना शर्म की बात है। बेरोजगारी से तो अच्छा है कि कोई युवा पकौड़े बनाकर अपना जीवन चलाए।" अमित शाह ने कहा कि "मैं गरीब घर में पैदा नहीं हुआ, लेकिन मैंने गरीबी देखी है। कांग्रेस ने गरीबों के लिए इतना नहीं किया, जितना हमारी सरकार ने किया है।" शाह ने कहा कि "हर गरीब के घर में बिजली पहुंचाना, स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना, शौचालय पहुंचाना, रोजगार पहुंचाना। इसी लिए तो हमारे महापुरुषों ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी और मुझे गर्व कि हमारी सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है।"
हमारी सरकार ने GST का कभी विरोध नहीं किया
अपनी पहली स्पीच में अमित शाह ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) पर कहा कि "दुनिया में सबसे बड़ा जो इकोनॉमिक रिफॉर्म हुआ, वो भारत में GST के रूप में हुआ है। हमारी पार्टी ने कभी GST का विरोध नहीं किया था, बल्कि इसके तरीकों का विरोध किया था।" शाह ने कहा कि "GST को गब्बर सिंह टैक्स बताया, गब्बर सिंह एक डकैत था। कानून से बना हुआ टैक्स डकैत है क्या? और इससे मिला पैसा वन रैंक, वन पेंशन जैसी योजनाओं में जाता है, किसी गरीब के घर में चूल्हा जलाने के लिए जाता है।" बीजेपी प्रेसिडेंट ने कहा कि "हमारी सरकार का ऐसा सिद्धांत रहा है कि हम ऐसे फैसले नहीं लेते जो लोगों को अच्छे लगते हैं। बल्कि हम ऐसे फैसले लेते हैं, जो लोगों के लिए अच्छे रहें। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम काफी आगे बढ़े हैं। हम GST लेकर आए, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। पूरे देश में अब एक ही टैक्स है। सदन के बाहर भी इसको लेकर काफी राजनीति हुई।"
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया का नजरिया बदला
इसके आगे अमित शाह ने सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया ने हमें अलग नजरिए से देखा। शाह ने कहा कि "देश की सुरक्षा सबसे जरूरी है। ये तब तक ठीक से नहीं हो सकती, जब तक जवानों की चिंता नहीं की जाती। 40 साल तक सिर्फ झांसा ही दिया गया, 100 करोड़ की टोकन मनी दी गई। हम हर साल 8 हजार करोड़ रुपए दे रहे हैं। इस देश में कई बार आतंकी हमले हुए। इसका जवाब नहीं दिया गया। उरी में जवान जल गए थे। सबको लगा पीएम को स्टेटमेंट आएगा और सब खत्म हो जाएगा। पीएम चुप रहे और 10 दिन बाद जवाब आया। घर में घुसकर दुश्मन को जवाब दिया गया। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया ने हमें अलग नजरिए से देखना शुरू किया। दुनिया ने माना कि इजरायल और अमेरिका ही नहीं, भारत भी अपने सैनिकों की रक्षा कर सकता है।"
Created On :   5 Feb 2018 3:36 PM IST