बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे से पास होगी दिल्ली, बचेगा समय और घटेगा प्रदूषण
- बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे से पास होगी दिल्ली
- बचेगा समय और घटेगा प्रदूषण
लखनऊ , 27 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 फरवरी को चित्रकूट के भरतकूप में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे। इससे बुंदेलखंड को विकास का नया आयाम मिलेगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के सलाहकार दुर्गेश उपाध्याय ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
14849.09 करोड़ की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड क्षेत्र को सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगा। इसके अलावा 296.070 किलो मीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे अभी चार लेन का होगा। भविष्य में इसे 6 लेन तक विस्तारित किए जाने की योजना है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट के भरतकूप के पास से शुरू होकर बांदा, हमीरपुर, महोबा और औरैया होते हुए इटावा के कुदरैल गांव के पास यमुना एक्सप्रेस-वे से मिल जाएगा। इससे बुंदेलखंड से देश की राजधानी दिल्ली तक आने-जाने में समय और संसाधनों की बचत होगी। डीजल और पेट्रोल की खपत घटने से प्रदूषण भी घटेगा। इसके लिए अब तक 95 फीसद से अधिक भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। प्रधानमंत्री के आगमन के मद्देनजर वहां हो रही तैयारियों का जायजा लेने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चित्रकूट गए थे। नीति आयोग ने कायाकल्प के लिए प्रदेश के जिन आठ जिलों को चुना है, उनमें चित्रकूट भी एक है।
संयोग से चित्रकूट से ही इसकी शुरुआत भी होगी और प्रधानमंत्री यहीं से उसका शिलान्यास भी करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार यह कह चुके हैं कि शौर्य, संस्कार और परंपरा की धरती बुंदेलखंड आने वाले समय में उत्तरप्रदेश का स्वर्ग होगी।
इसमें प्रस्तावित डिफेंस कॉरीडोर और पूर्वाचल एक्सप्रेस वे की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। डिफेंस कॉरीडोर में देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अभी हाल में ही लखनऊ में डिफेंस एक्सपो-2020 का सफल आयोजन भी किया गया था। इसके तुरंत बाद अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास और इसमें प्रधानमंत्री के आगमन से बुंदेलखंड के विकास के प्रति केंद्र और प्रदेश सरकार की प्रतिबद्घता साबित हो रही है।
आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के कारण दिल्ली तक का यातायात सुगम हो जाएगा। परियोजना से आच्छादित क्षेत्र में शिक्षा, वाणिज्य और पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की मंशा हर एक्सप्रेस-वे के किनारे-किनारे औद्यौगिक गलियारा बनाने की है। इनमें स्थापित होने वाले शिक्षण संस्थान और उत्पादन इकाइयों के नाते रोजी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पांडेय के अनुसार समग्र विकास तभी संभव है जब बुंदेलखंड और पूवार्ंचल के पिछड़े जिले भी विकास में भागीदार बनें। योगी सरकार इसी मंशा से काम कर रही है। पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे पर तेजी से काम चल रहा है। बुंदेलखंड का शिलान्यास होने वाला है और गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए बजट में 2000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
Created On :   27 Feb 2020 12:00 PM IST