शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए उप-चुनाव की जमावट

By-election placement through Shivraj cabinet expansion
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए उप-चुनाव की जमावट
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए उप-चुनाव की जमावट
हाईलाइट
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भोपाल 2 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में आखिरकार शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार हो ही गया। इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए भाजपा ने उप-चुनाव को फतह करने की सियासी जमावट का संकेत दे दिया है।

भाजपा में सत्ता बदलाव हुए तीन माह से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है और अब कहीं जाकर मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार हो पाया है। दूसरे विस्तार में 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, इनमें कांग्रेस से बगावत करने वाले 22 तत्कालीन विधायकों में से 12 को मंत्री बनाया गया है। इनमें नौ सिंधिया के करीबी और समर्थक हैं। इससे पहले पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी उनमें दो सिंधिया के करीबी थे। इस तरह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले 14 लोगों को मंत्री बनाया जा चुका है, जिनमें 11 का नाता सिंधिया खेमे से है।

मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार को उपचुनाव की ²ष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से बगावत करने वाले 22 में से 14 मंत्री बन चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा ग्वालियर चंबल संभाग के हैं। यह इलाका सिंधिया के प्रभाव वाला माना जाता है और भाजपा यहां की अधिकांश सीटों पर जीतने की पूरी कोशिश कर रही है। यही कारण है कि इस इलाके से सिंधिया समर्थकों को इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेन्द्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ और ओ पी एस भदौरिया को शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही एदल सिंह कंसाना, अरविंद भदौरिया व भारत सिंह कुशवाहा को भी मंत्री बनाया गया है, जो इसी क्षेत्र से आते है। पूर्व में इसी क्षेत्र के नरोत्तम मिश्रा गृहमंत्री है।

इस तरह ग्वालियर-चंबल इलाके से नाता रखने वाले 11 सदस्य शिवराज मंत्रिमंडल में हो गए है। इनमें से सात मंत्री सिंधिया के करीबी है। राज्य मे मंत्रियों की संख्या कुल 33 है। भाजपा इस क्षेत्र की सभी 16 सीटों केा जीतना चाहती है, लिहाजा उसने मंत्रिमंडल में इस क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्थान दिया है।

राजनीति के जानकारों की मानें तो भाजपा ने आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल में ग्वालियर-चंबल इलाके को महत्व दिया है। जिन नए चेहरों को स्थान दिया गया है वे सियासी तौर पर किसी तरह के विवादों में नही है, इसके चलते विपक्षी दल उन्हें सीधे निशाने पर नहीं ले सकेगा। इसी बात को ध्यान में रखकर सिंधिया समर्थक और नए चेहरों को मौका दिया गया है।

सिंधिया का कहना है कि शिवराज के नेतृत्व में मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय पटल पर स्थान मिलेगा। राज्य के शिवराज जैसे सेवक की जरुरत है जो हर वर्ग की समस्या का निदान कर सके। ऐसे व्यक्ति की जरुरत नहीं जो सिंहासन पर बैठे, जो अपने आपको राजा-महाराजा समझे । हमे तो जनता का सेवक चाहिए।

वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने तंज सकते हुए कहा आज के मंत्रिमंडल के गठन में कई योग्य, अनुभवी, निष्ठावान भाजपा के वरिष्ठ विधायकों का नाम नहीं पाकर मुझे व्यक्तिगत तौर पर बेहद दु:ख भी है। लोकतंत्र के इतिहास में मध्यप्रदेश का मंत्रिमंडल ऐसा मंत्रिमंडल है , जिसमें कुल 33 मंत्रियो में से 14 वर्तमान में विधायक ही नहीं है। यह संवैधानिक व्यवस्थाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ है। प्रदेश की जनता के साथ मजाक है।

Created On :   2 July 2020 3:30 PM IST

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