उपचुनाव : कोलारस-मुंगावली में शिवराज-सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर
डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीटों मुंगावली और कोलारस पर उपचुनाव के लिए शनिवार को वोटिंग हो रही है। सुबह 8 बजे शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे तक चलेगा। इसके लिए चुनाव आयोग भी पूरी तरह से मुस्तैद है। कोलारस और मुंगावली के 30-30 केंद्रों पर होने वाली वोटिंग पर चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय सीधी नजर रखेगा। उपचुनाव के लिए इलेक्शन कमीशन पूरी तरह से मुस्तैद है। चुनाव आयोग के मुताबिक 575 मतदान केंद्रों में से 333 केंद्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। सुरक्षा के लिहाज से 24 सशस्त्र बल की कंपनियां तैनात की गई हैं। वहीं चुनाव की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों से पहले इन दोनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव को विधानसभा इलेक्शन से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है। यही कारण है कि इन उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जीतने की कोशिश में लगी हुई है। मुंगावली और कोलारस दोनों ही सीटें गुना संसदीय क्षेत्र के अंदर आती हैं, जिनके सांसद कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। सिंधिया जहां गुना में 2002 से सांसद हैं, तो वहीं शिवराज पिछले तीन बार से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।
कोलारस और मुंगावली से कौन है मैदान में?
कोलारस से कांग्रेस ने महेंद्र यादव को मैदान में उतारा है, तो वहीं बीजेपी की तरफ से देवेंद्र जैन मैदान में है।
बात की जाए मुंगावली की तो यहां कांग्रेस ने बृजेंद्र सिंह को कैंडिडेट बनाया है। बीजेपी के टिकट पर इस सीट से बाई साहब खड़े हुए हैं।
बीजेपी-कांग्रेस के लिए साख का सवाल क्यों?
कोलारस और मुंगावली विधानसभा सीटें कांग्रेस के सीनियर लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र से आती हैं। यहां से सिंधिया 2002 से ही सांसद हैं, लिहाजा इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस का अच्छा-खासा दबदबा रहा है। पिछले विधानसभा चुनावों में भी मोदी लहर के बावजूद इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
वहीं शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में पिछले तीन बार से मुख्यमंत्री रहे हैं। हाल ही में हुए चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार ने शिवराज की छवि को नुकसान पहुंचाया है। इसीलिए कोलारस और मुंगावली दोनों ही सीटें बीजेपी के लिए साख का सवाल बना हुआ है। खुद सीएम चौहान समेत बीजेपी के सीनियर लीडर इन दोनों ही जगहों पर बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं और वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं।
सिंधिया के लिए क्यों खास है ये उपचुनाव?
- कोलारस और मुंगावली उपचुनाव की लड़ाई जितनी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है, उतनी ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए भी खास है। क्योंकि सिंधिया यहां से लोकसभा सांसद हैं, जबकि ये दोनों ही सीटें कांग्रेस का गढ़ रही हैं।
- सिंधिया के लिए इन दोनों ही सीटों पर जीतना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि वो इन्हीं चुनावों के नतीजे के जरिए अपनी मुख्यमंत्री की दावेदारी को पेश करेंगे।
- हाल ही में गुजरात असेंबली इलेक्शन में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन और राजस्थान उपचुनाव्स में जीत ने पार्टी में उत्साह बढ़ाया है। खुद सिंधिया इन दोनों ही सीटों पर जमकर प्रचार कर रहे हैं। सिंधिया अपनी रैलियों में शिवराज सरकार पर वादे तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं।
शिवराज के लिए क्यों खास है ये उपचुनाव?
- पिछले साल चित्रकूट में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने 14 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। जिससे प्रदेश में शिवराज की छवि को नुकसान पहुंचा था।
- कोलारस और मुंगावली में होने वाले उपचुनाव इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल माने जा रहे हैं। इन दोनों ही सीटों पर शिवराज ने जमकर प्रचार किया है और किसानों के लिए घोषणाएं भी की हैं।
- इन दोनों ही सीटों पर अगर बीजेपी हार जाती है, तो इससे शिवराज की छवि को नुकसान तो पहुंचेगा ही, साथ ही प्रदेश में सीएम चौहान के खिलाफ बगावत भी शुरू हो सकती है।
- विधानसभा चुनावों से पहले उपचुनाव में हार होने की वजह से बीजेपी में चुनावों से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की मांग भी उठ सकती है।
कोलारस और मुंगावली में उपचुनाव क्यों?
2013 के विधानसभा चुनावों में कोलारस सीट से कांग्रेस के महेंद्र सिंह कालूखेड़ा 6वीं बार विधायक बने थे। सितंबर 2017 में लंबी बीमारी के बाद महेंद्र सिंह का निधन हो गया था। उसके बाद से ही ये सीट खाली थी।
वहीं मुंगावली सीट पर भी 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीती थी। इस सीट से कांग्रेस के राम सिंह यादव पहली बार विधायक बने थे। पिछली साल अक्टूबर में राम सिंह का हार्ट अटैक से निधन हो गया था। 74 साल के राम सिंह को सिंधिया का करीबी माना जाता था।
Created On :   24 Feb 2018 7:38 AM IST