JKCA घोटाला: CBI ने दायर की पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट
- JKCA घोटाले में CBI ने दायर की फारुख अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट।
- फारुख अब्दुल्ला के अलावा अन्य लोगों के खिलाफ भी दायर की गई है चार्जशीट।
- राज्य क्रिकेट बॉडी में साल 2001 से 2011 के बीच अनियमितताएं देखी गईं थीं।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में सोमवार को CBI ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सीबीआई की तरफ से दायर की गई चार्जशीट अब्दुल्ला के अलावा तीन अन्य लोगों के भी खिलाफ है। जिस वक्त स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में घोटाला हुआ था उस वक्त जेकेसीए के अध्यक्ष के पद पर अब्दुल्ला ही थे। राज्य क्रिकेट बॉडी में साल 2001 से 2011 के बीच अनियमितताएं देखी गईं थीं।
CBI files charge sheet in the court of Chief Judicial Magistrate (CJM), Srinagar, against former #JammuAndKashmir chief minister Farooq Abdullah and other accused in the multi-crore JK Cricket Association (JKCA) scam
— ANI (@ANI) July 16, 2018
नोटिस के बाद भी अब्दुल्ला गैरहाजिर
इस मामले से संबधित अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने सभी आरोपियों को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट श्रीनगर की अदालत में हाजिर होने का नोटिस भेजा था, लेकिन डॉ. फारूक अब्दुल्ला अदालत में हाजिर नहीं हुए क्योंकि वह इस समय विदेश में हैं। फारूक के मौजूद न होने को कोर्ट गंभीरता से ले सकता है और उनके खिलाफ वारंट जारी कर सकता है। बता दें कि कोर्ट चार्जशीट को स्वीकार करने से एक बार इनकार कर चुका है क्योंकि सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद नहीं थे। सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट में क्रिकेट एसोसिशन के तत्कालीन अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के अलावा जेकेसीए के जनरल सेक्रेटरी सलीम खान, कोषाध्यक्ष अहसान मिर्जा और जम्मू कश्मीर बैंक के एक्जीक्यूटिव अहमद मंसीर का नाम भी शामिल है।
क्या कहा नेशनल कॉन्फ्रेंस ने?
कोर्ट में चार्जशीट दायर करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से कहा गया कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला को ज्यूडिशियल सिस्टम में पूरा विश्वास है और वह अपने कोर्ट की कार्यवाही में कोऑपरेट करने के कमिटमेंट पर पूरी तरह से कायम है।
Dr. Farooq Abdullah has full faith in the judicial system and re-asserts his commitment to cooperate with the Honourable Court"s proceedings in the matter relating to certain financial transactions of the Jammu and Kashmir Cricket Association: National Conference
— ANI (@ANI) July 16, 2018
क्या है मामला?
ये मामला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तरफ से JKCA को दिए गए 113.67 करोड़ रुपये में से 40 करोड़ रुपए के गबन का है। साल 2001 से 2011 के बीच स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में ये कथित घोटाला हुआ था उस वक्त JKCA के अध्यक्ष के पद पर फारूक अब्दुल्ला ही थे। वर्ष 2012 में यह मामला उस समय उजागर हुआ, जब तत्कालीन जेकेसीए चेयरमैन मोहम्मद असलग गोनी ने एसोसिएशन के दो तत्कालीन पदाधिकारियों महासचिव सलीम खान और कोषाधिकारी अहसान मिर्जा पर जेकेसीए के बजाय अपने निजी खातों में पैसा जमा कराने का आरोप लगाया।
मामले के उजागर होने पर डा फारूक अब्दुल्ला ने जांच के लिए एक इन-हाऊस कमेटी का गठन किया। कमेटी ने करीब एक माह में अपनी रिपोर्ट देते हुए जेकेसीए के दो वरिष्ठ अधिकारियों को घोटाले के लिए जिम्मेदार बताया। उन दोनों को जेकेसीए से तत्काल प्रभाव से निकाल दिया गया। हालांकि जब पुलिस ने छानबीन करते हुए बैंक प्रबंधकों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि सलीम खान और अहसान मिर्जा से संबधित खातों में पैसा तभी जारी हुआ था, जब जेकेसीए के प्रेजीडेंट डा फारूक अब्दुल्ला का अथारिटी लेटर आता था।
इस मामले में कश्मीर के दो क्रिकेटरों माजिद याकूब डार और निसार अहमद खान ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 3 सितंबर, 2015 को सीबीआइ को इस घोटाले की जांच करने और छह महीने में अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा था। हालांकि सीबीआई 6 महीनों में अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई थी।
Created On :   16 July 2018 8:03 PM IST