कार्ति चिदंबरम से सीबीआई की ताबड़तोड़ पूछताछ, सबूत दिखा कर मांग रही जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। INX मीडिया मामले में घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को पटियाला हाउस कोर्ट ने छह मार्च तक के लिए CBI की हिरासत में भेज दिया है। कस्टडी मिलने के बाद शुक्रवार सुबह आठ बजे से ही CBI लगातार कार्ति से पूछताछ कर रही है। दिल्ली में CBI की टीम ने अपने मुख्यालय में कार्ति से पूछताछ की। इस दौरान कार्ति के वकील भी उनसे मिलने CBI मुख्यालय पहुंचे। कार्ति के वकील अभिषेक मनु सांघवी ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि उनके मुवाक्किल कार्ति को बिना वजह जेल भेजा गया है। संघवी ने कहा कि उन्हें हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करने का कोई तुक नहीं बनता और CBI के पास इसके कोई आधार नहीं मौजूद हैं।
जांच में सहयोग नहीं कर रहे कार्ति
बता दें कि इससे पहले CBI ने गुरूवार को कोर्ट से कार्ति की 14 दिन की रिमांड मांगी थी। इस दौरान CBI ने कोर्ट में कार्ति व CA भास्करन को जमानत देने का विरोध किया। जिसके बाद उन्हें 6 मार्च तक की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह 8 बजे से CBI ने अपनी पूछताछ शुरू की। चेस मैनेजमेंट लिमिटेड को लेकर भी CBI ने कार्ति से पूछताछ की है। पूछताछ के दौरान CBI ने कार्ति और चेस मैनेजमेंट से जुड़े कागजी सबूतों को पेश कर उनसे जवाब मांगे। बता दें कि कार्ति पर वित्त मंत्रालय के गुप्त दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप भी है। कार्ति के वकील ने CBI पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना समन जारी किए CBI सहयोग करने का दावा कैसे कर सकती है। वहीं दूसरी तरफ ED के वकील ने कहा है कि कार्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। CBI ने कोर्ट में कुछ ऐसे सबूत भी पेश किए थे जिसके आधार पर बड़ी शाजिश की जाने की संभावनाओं पर उन्होंने जोर दिया है।
कांग्रेस ने बताया था बदले की कार्रवाई
कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने इसे "बदले की कार्रवाई" बताया है। कांग्रेस लीडर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि "पी. चिदंबरम और उनके परिवार के खिलाफ की गई बदले की कार्रवाई से कांग्रेस को रोका नहीं जा सकता। मोदी सरकार भ्रष्टाचार से घिरी है और अपने घोटालों को छिपा रही है, लेकिन हम मोदी सरकार के घोटालों को उजागर करना जारी रखेंगे। हमें सच बोलना जारी रखेंगे।" उनके अलावा कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी अशोक गहलोत ने भी कार्ति के खिलाफ कार्रवाई को गलत बताया है। वहीं CBI ने राजनीतिक दबाव की बात को नकारते हुए कहा है कि उनके पास कार्ति के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। बता दें कि मामले में शामिल कंपनी INX के मालिक इंद्राणी मुखर्जी ने CBI को बयान दिया है कि कार्ति ने एफआईपीबी क्लीयरेंस के लिए उनसे 6.5 करोड़ रुपये की मांग की थी।
Created On :   2 March 2018 5:05 PM IST