बैलेट पेपर पर लौटने से बूथ कैप्चरिंग का दौर वापस आ जाएगा : ओपी रावत
- इस बैठक में ईवीएम मशीन और वीवीपेट को लेकर विपक्षी दलों ने अपनी चिंता जाहिर की।
- मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि बैलेट पेपर पर वापस लौटने से बूथ कैप्चरिंग का दौर वापस आ जाएगा।
- विपक्षी दलों और निर्वाचन आयोग के बीच सोमवार को अहम बैठक हुई।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विपक्षी दलों और निर्वाचन आयोग के बीच सोमवार को अहम बैठक हुई। इस बैठक में EVM मशीन और VVPAT को लेकर विपक्षी दलों ने अपनी चिंता जाहिर की। कुछ दलों ने बैलेट पेपर से वोटिंग कराने का भी समर्थन किया। मीटिंग के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि बैलेट पेपर पर वापस लौटना अच्छा नहीं होगा, क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि बूथ कैप्चरिंग का दौर वापस आए।
मीटिंग में आए सकारात्मक सुझाव
ओपी रावत ने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में गड़बड़ी संबंधी तमाम दलों की चिंताओं पर आयोग गंभीर है और आम चुनाव से पहले इसका निराकरण कर देगा। ओपी रावत ने बताया कि राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रक्रिया को विश्वसनीय और बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक सुझाव दिए हैं। आयोग इन पर विस्तार से विचार कर इन्हें प्रभावी तौर पर लागू करने की दिशा में सभी जरूरी कदम उठाएगा।"
Some of the parties said going back to ballot is bad as it would bring back booth capturing: Chief Election Commissioner OP Rawat after meeting all political parties today pic.twitter.com/3Td7tyJCNZ
— ANI (@ANI) August 27, 2018
चुनावी खर्च तय करने पर आयोग करेगा विचार
इस बैठक में कुछ दलों ने एक देश एक चुनाव का मुद्दा भी उठाया। इस पर ओपी रावत ने कहा कि पहले ही इस मामले को लेकर बहुत कुछ कहा जा चुका है। कुछ राजनीतिक दलों ने बैठक में चुनावी खर्च की सीमा तय करने का भी सुझाव दिया। रावत ने कहा कि इस दिशा में कानूनी पहल करने के बारे में आयोग विचार करेगा।
41 प्रतिनिधियों ने मीटिंग में लिया हिस्सा
बैठक में सभी सात राष्ट्रीय और 51 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के 41 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस और AAP सहित तमाम विपक्षी दलों ने मतपत्र से चुनाव कराने का सुझाव दिया।
Created On :   27 Aug 2018 8:50 PM IST