केन्द्र का फैसला- जनगणना 2021 के साथ ही जुटाया जाएगा OBC जातियों का डेटा
- 2021 की जनगणना के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जातियों का अलग से डेटा जुटाया जाएगा।
- 2021 की जनगणना तीन सालों के अंदर पूरी की जाएगी।
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा जनगणना 2021 की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद गृह मंत्रालय ने यह घोषणा की है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की है कि 2021 की जनगणना के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जातियों का अलग से डेटा जुटाया जाएगा। गृह मंत्रालय प्रवक्ता ने बताया है कि यह पहली बार होगा जब जनगणना में OBC का डेटा भी जुटाया जाएगा। प्रवक्ता ने यह भी बताया है कि 2021 की जनगणना तीन सालों के अंदर पूरी की जाएगी। अब तक यह पांच से सात सालों में पूरी होती रही है।
गृह मंत्रालय की ओर से यह घोषणा गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा जनगणना 2021 की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद आई है। राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को 2021 जनगणना के रोडमेप को लेकर अधिकारियों से चर्चा की और तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में उनके साथ गृह राज्य मंत्री किरण रिजजू, केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि जनगणना के लिए ऐसी डिजाइन और टेक्नोलॉजी तैयार रहे, जिससे तीन सालों के अंदर जनगणना पूरी की जा सके।
Home Minister discussed road map for undertaking census in 2021 and it was emphasized that improvements in design and technological interventions be made to ensure census data is finalized within 3 years after conducting of census. Data on OBC for the first time will be collected https://t.co/MI5yS6LNwv
— ANI (@ANI) August 31, 2018
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, "इस बार करीब 25 लाख कर्मचारियों को जनगणना के लिए अलग से प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि जनगणना समय पर और सही तरीके से की जा सके।"
बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पर खासकर ध्यान देने को कहा है। इनमें विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और प्रजनन दर के आंकड़ों को सही-सही जुटाने के क्षेत्र में काम करने पर जोर दिया गया।
गौरतलब है कि अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी के आंकड़े जारी करने की मांग लंबे से पिछड़े नेताओं की ओर से की जाती रही है। ऐसे में मोदी सरकार का यह फैसला इस दिशा में बड़ा कदम है। राजनीति के जानकार मोदी सरकार के इस कदम को 2019 के चुनाव में ओबीसी वोटर्स को साधने का प्रयास मान रहे हैं।
Created On :   31 Aug 2018 7:10 PM IST