केंद्र की प्रवृत्ति एजेंसियों को राजनीतिक हथियार की तरह प्रयोग करने की : राहुल

Centers tendency to use agencies as political weapon: Rahul
केंद्र की प्रवृत्ति एजेंसियों को राजनीतिक हथियार की तरह प्रयोग करने की : राहुल
केंद्र की प्रवृत्ति एजेंसियों को राजनीतिक हथियार की तरह प्रयोग करने की : राहुल
हाईलाइट
  • केंद्र की प्रवृत्ति एजेंसियों को राजनीतिक हथियार की तरह प्रयोग करने की : राहुल

वायनाड, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की प्रवृत्ति राष्ट्रीय एजेंसियों को राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग करने की है।

मार्च में कोरोना महामारी के फैलने के बाद राहुल पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र गए थे। राहुल सोमवार को वायनाड पहुंचे। वह वहां जिला अधिकारियों की ओर से आयोजित बैठक में भाग ले रहे हैं और बुधवार को वापस आ जाएंगे।

राहुल ने कहा, यह केवल फारूक अब्दुल्ला नहीं है, मुझे मिलाकर कई ऐसे नेता हैं, जिसके खिलाफ एजेंसियों ने मामला दर्ज किया है। सीबीआई और ईडी का प्रयोग दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है और ऐसे कार्यो से ये एजेंसियां केवल बर्बाद होंगी।

वहीं उन्होंने कृषि बिलों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा, ये बिल, प्रधानमंत्री के करीबी एक या दो औद्योगिकी घरानों को फायदा पहुंचाएंगे। यह आम किसानों के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। केंद्र ने सोचा कि कोरोनाकाल होने की वजह से किसान शांत रहेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, वे सड़कों पर उतर आएं। खाद्य सुरक्षा की संरचना- खरीद, न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी पर आधारित है और ये बिल हमें 50 साल पीछे ले जाएंगे।

वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इमरती देवी को अपमानजन शब्द कहने के मामले में राहुल ने नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है।

राहुल ने कहा, कमलनाथ जी मेरे पार्टी से हैं, लेकिन निजी तौर पर, मैं इस तरह की भाषा को पसंद नहीं करता हूं, जिसका प्रयोग उन्होंने किया। मैं इसकी सराहना नहीं करता हूं, चाहे वह कोई भी हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

कोरोना की स्थिति पर उन्होंने कहा, मैं इसपर किसी पर आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैंने फरवरी में हर्ष वर्धन से बात की थी और उन्हें इस बाबत चेताया था। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। वायनाड में कमजारे वर्ग और जनजातीय लोगों की अच्छी खासी संख्या है। हम वायनाड में चावल और हल्दी की खेती करने वाले किसानों के लिए एक कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं। कोरोना की वजह से, यहां के किसानों को सब्सिडी नहीं मिली है।

आरएचए/एएनएम

Created On :   20 Oct 2020 5:01 PM IST

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