डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है जिसमें कहा गया है कि रमजान के दौरान सेना राज्य में आतंकियों के खिलाफ कोई ऑपरेशन नहीं चलाएगी। हालांकि कुछ शर्तों के साथ केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी है। केंद्र सरकार की ओर से तकनीकि रूप से सीज़फायर का नाम नहीं दिया गया है। केंद्र की तरफ से कहा गया है अगर सेना पर इस दौरान हमला होता तो वह जवाबी करने के लिए आजाद होगी। गृहमंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
क्या कहा गया है ट्वीट में?
गृहमंत्रालय की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है, केंद्र ने सुरक्षाबलों को रमजान के पवित्र महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने से मना किया है। ये फैसला उन शांतिप्रिय मुस्लमानों को देखते हुए लिया गया है जो शांति भरे वातावरण में रमजान का त्योहार मनाना चाहते है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी जम्मू कश्मीर की सीएम को दे दी है। वहीं गृहमंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया है कि अगर सेना पर इस दौरान हमला होता है या फिर निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए ऑपरेशन चलाने की जरुरत पड़ती है तो वह इसके लिए आजाद है।
The Centre asks Security Forces not to launch operations in Jammu Kashmir during the holy month of Ramzan. Decision taken to help the peace loving Muslims observe Ramzan in a peaceful environment.
— HMO India (@HMOIndia) May 16, 2018
HM Shri @rajnathsingh has informed the Chief Minister, JK of Centre’s decision.
Security Forces to reserve the right to retaliate if attacked or if essential to protect the lives of innocent people.
— HMO India (@HMOIndia) May 16, 2018
Government expects everyone to cooperate in this initiative and help the Muslim brothers sisters to observe Ramzan peacefully and without any difficulties.
It is important to isolate the forces that bring a bad name to Islam by resorting to mindless violence and terror.
— HMO India (@HMOIndia) May 16, 2018
महबूबा मुफ्ती ने की थी केंद्र से मांग
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सभी दलों की बैठक बुलाकर केंद्र से घाटी में रमजान और अमरनाथ यात्रा के लिए एकतरफा सीजफायर की मांग की थी। इस बैठक के बाद सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा, ""हम सभी को भारत सरकार से अपील करनी चाहिए कि रमजान के मुबारक मौके पर और अमरनाथ यात्रा की शुरुआत पर जैसे साल 2000 वाजपेयी जी ने सीजफायर किया था उसी तरह का कोई कदम उठाए। इससे आम लोगों को थोड़ी राहत मिले। इस वक्त जो एनकाउंटर हो रहे हैं, सर्च ऑपरेशन हो रहे हैं, उसमें आम लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है। हमें ऐसे कम उठाने चाहिए जिससे लोगों का विश्वास बहाल हो।""
केंद्र के फैसले का स्वागत
केंद्र के इस फैसले के बाद सीएम महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा, ""रमजान में सीफायर के फैसले का मैं दिल से स्वागत करती हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को धन्यवाद देना चाहती हूं। सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नेताओं और पार्टियों के प्रति भी मैं आभार व्यक्त करती हूं।""
I wholeheartedly welcome the Ramadan ceasefire would like to thank @narendramodi ji @rajnathsingh ji for their personal intervention. My gratitude also to the leaders parties who participated in the All Party Meeting helped build consensus towards this announcement. 1/2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 16, 2018
The month of Ramadan is a harbinger of peace such a decision will go a long way in creating a peaceful amicable environment for a sustained dialogue. 2/2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 16, 2018
720 से ज्यादा बार सीजफायर उल्लंघन
जानकारी के मुताबिक 2018 में जम्मू कश्मीर में इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास पाकिस्तान ने 720 से ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। पिछले 7 सालों में सीजफायर का ये उल्लंघन सबसे ज्यादा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इस साल अक्टूबर तक इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास 724 बार सीजफायर उल्लंघन किया है जबकि वर्ष 2016 में यह संख्या 449 थी।
Created On :   16 May 2018 5:44 PM IST