मप्र में बच्चे और बुजुर्ग ने कोरोना को जीतकर दिया नया संदेश

Children and elders gave new message to Corona by winning MP
मप्र में बच्चे और बुजुर्ग ने कोरोना को जीतकर दिया नया संदेश
मप्र में बच्चे और बुजुर्ग ने कोरोना को जीतकर दिया नया संदेश

भोपाल, 7 अगस्त (आईएएनएस)। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देश के अन्य हिस्सों के साथ मध्यप्रदेश से अच्छी खबरें भी आ रही हैं। राज्य में मासूम बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कोरोना के खिलाफ जंग जीतने में सफल हुए हैं। कोरोना पर यह जीत नया संदेश दे रही है।

राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या हालांकि लगातार बढ़ रही है। अब यह आंकड़ा 37 हजार के करीब पहुंच गया है। वायरस से मौतों का आंकड़ा भी 950 को पार कर चुकी है। वहीं अब तक लगभग 27 हजार मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में रिकवरी रेट भी लगभग 74 फीसदी के करीब है और यही बात सरकार व स्वस्थ्य अमले को थोड़ी राहत दे रही है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच दो अच्छी खबरें आई हैं। ये खबरें यह संदेश दे रही है कि अगर बीमारी का समय से पता चल जाए और मरीज को बेहतर इलाज मिल जाए तो बीमारी लाइलाज नहीं है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लोगों से समय रहते परीक्षण और उपचार का परामर्श देते आए हैं।

खरगौन जिले में 100 वर्षीय रुक्मिणी देवी ने कोरोना को मात देने में कामयाबी पाई है। वह कैंसर रोग से भी पीड़ित हैं और बीते पांच साल से रोग शैया पर हैं। वह 21 जुलाई को कोरोना पॉजीटिव आई थीं। उन्हें होम आइसोलेट किया गया तथा डॉक्टरों की निगरानी में इलाज हुआ। इस दौरान रुक्मिणी देवी ने योग, प्राणायाम भी निरंतर जारी रखा। सही इलाज, नियमित दिनचर्या तथा आत्मबल से रुक्मिणी देवी ने कोरोना को हरा दिया।

रुक्मिणी के स्वस्थ होने पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, जब कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी रुक्मिणी देवी कोरोना को परास्त कर सकती हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते। आवश्यकता है समय पर इलाज करवाने एवं हिम्मत रखने की। वे हम सबके लिए प्रेरणा हैं।

इसी तरह छतरपुर जिले में दो माह के मासूम ने कोरोना पर जीत हासिल की है। इस मासूम के परिजन रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर थे और उसी दौरान उसका जन्म हुआ। इस नवजात शिशु की मां कोरोना पॉजिटिव थी। वह स्वस्थ होने पर खजुराहो लौटी तो दो माह का बच्चा कोरोना पॉजिटिव निकला। शिशु की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे खजुराहो कोविड केयर सेंटर में रखा गया।

सेंटर के प्रभारी डॉ़ विनीत शर्मा ने बताया कि चूंकि छह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराया जाना चाहिए, इसलिए नवजात शिशु की मां और शिशु के लिए सेंटर में खास इंतजाम किए गए। इलाज के दौरान भी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए शिशु को स्तनपान कराना जारी रखा गया। अब बच्चा स्वस्थ है और संक्रमण से मुक्त हो चुका है।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. संतोष शुक्ला का कहना है कि कोरोना बच्चों और ज्यादा बुजुर्गो पर कम असर कर रहा है, क्योंकि दोनों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (एम्युनाइजेषन पॉवर) अधिक होती है। वे आराम ज्यादा करते हैं, इसलिए उनके फेफड़ों पर जोर कम पड़ता है। लिहाजा, वे इस रोग की चपेट में नहीं आ रहे हैं और अगर आ भी जाते हैं तो उससे उबर भी आते है। वहीं 35 से 70 साल की उम्र के लोगों पर यह रोग ज्यादा असर कर रहा है।

एसएनपी

Created On :   7 Aug 2020 10:00 AM GMT

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