उत्तर भारत की भव्य शादियों में चोरी करने के लिए लीज पर लिए जाते हैं बच्चे

Children are taken on lease to steal in grand weddings in North India
उत्तर भारत की भव्य शादियों में चोरी करने के लिए लीज पर लिए जाते हैं बच्चे
उत्तर भारत की भव्य शादियों में चोरी करने के लिए लीज पर लिए जाते हैं बच्चे
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। जिस उम्र में बच्चों को स्कूल जाना चाहिए, उस उम्र में मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के गांवों के बच्चों की योजना उत्तर भारत के महानगरों में जाने की है। उनकी यात्राओं के पीछे का कारण भी ऐसा ही है, जिसे जानकर आपको झटका लग सकता है।

शादी के सीजन में उत्तर भारत आने वाले बैंड बाजा बारात गिरोह का हिस्सा बनने के लिए 9 साल से 15 साल की उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा नीलाम किया जाता है। ये गिरोह दिल्ली, एनसीआर, लुधियाना और चंडीगढ़ जैसे शहरों में बड़ी शादियों में नकदी और गहने चुराने के लिए इन किशोरों का इस्तेमाल करते हैं।

एक बच्चे को लीज पर लेने की रकम सालाना 10 से 12 लाख रुपये के बीच होती है, जिसे आमतौर पर गिरोह के सदस्य बच्चों के माता-पिता को किश्तों में देते हैं।

हाल ही में एक गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 2 किशोर शामिल थे। इन्होंने दिल्ली के कापसहेड़ा, मायापुरी और मोती नगर में 3 और पंजाब में 5 चोरी की थीं।

डीसीपी क्राइम भीष्म सिंह बताया, मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के मुख्य रूप से तीन गांवों - गुल्खेड़ी, कड़िया और सिलखेड़ी के बच्चे शादी के सीजन में गिरोह के साथ सक्रिय हैं। लीज की डील होने के बाद बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे नकदी, आभूषणों के बैग और अन्य कीमती सामानों को निशाना बना सकें और उन्हें उठा सकें।

बच्चों को दिल्ली लाने के बाद उन्हें एक महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है कि शादियों में चोरी कैसे करना है और कार्यक्रम स्थल पर लोगों के साथ कैसे मिलना है। एक बच्चे को मानसिक और शारीरिक रूप से भी तैयार किया जाता है ताकि वह गिरफ्तार होने पर अपनी और अपने गिरोह के सदस्यों की पहचान न बताए।

समारोह में शामिल होने के लिए उन्हें बेहतरीन कपड़े और खाने-पीने का तरीका सिखाया जाता है, ताकि किसी को संदेह न हो। गिरोह में वयस्क पुरुष और महिलाएं शामिल हैं, जो आमतौर पर किराए के घरों में रहते हैं और बच्चों को काम पर छोड़ने के बाद बाहर ऑटोरिक्शा और मोटरसाइकिलों में इंतजार करते हैं।

क्राइम ब्रांच के एसीपी शिबेश सिंह कहते हैं, वे कभी भी जल्दी में नहीं होते हैं। शादी की पार्टी में वे रात का खाना खाते हैं और धैर्य से उस मौके का इंतजार करते हैं जब वे मेहमानों के साथ घुलने-मिलने में सफल हों। फिर वे तेजी से शगुन वाले गिफ्ट बैग, आभूषण और नकदी लेकर समारोह स्थल से गायब हो जाते हैं।

एसडीजे/वीएवी

Created On :   5 Dec 2020 10:30 AM IST

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