चिन्मयानंद प्रकरण : मुश्किल में स्वामी, एसआईटी ने शुरू की जांच (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
हालांकि, स्वामी चिन्मयानंद पर लगाया गया अपहरण का आरोप मौजूदा हालात में हल्का नजर आ रहा है, क्योंकि पीड़िता ने सर्वोच्च न्यायालय में खुद कह दिया है कि वह खतरे के कारण खुद अपने एक परिचित नड़के के साथ शाहजहांपुर से चली गई थी। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि स्वामी की मुश्किलें कम हो गई हैं। यह सब निर्भर करेगा पीड़िता के बयान, उसके द्वारा पेश गवाह और सबूतों पर।
फिलहाल पीड़ित छात्रा और उसका परिवार दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में है। उधर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी टीम ने शुक्रवार को शाहजहांपुर स्थित कृभको गेस्ट हाउस में डेरा डाल दिया। इसकी पुष्टि आईएएनएस से विशेष बातचीत में उत्तर-प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने शनिवार को की है।
एसआईटी प्रमुख आईजी नवीन अरोड़ा ने आईएएनएस को बताया, एसआईटी में 47वीं वाहनी पीएसी (गाजियाबाद) की कमांडेंट/पुलिस अधीक्षक भारती सिंह सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के सर्विलांस विशेषज्ञ पुलिस अधीक्षक एस. आनंद, एडिशनल एसपी अतुल श्रीवास्तव, डिप्टी एसपी श्वेता श्रीवास्तव और कुछ फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट्स सहित करीब 15 पुलिस अधिकारियों/ विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।
उन्होंने आगे कहा, एसआईटी ने शुक्रवार को शाहजहांपुर कोतवाली थाना प्रभारी से विस्तृत बातचीत की। एफआईआर, केस डायरी और अब तक की तफ्तीश में मिली तमाम जानकारियां भी इंस्पेक्टर कोतवाली से शनिवार को एसआईटी ने ले ली।
एसआईटी प्रमुख ने बताया, एफआईआर में जिस कॉलेज के कमरे का जिक्र किया गया है, उस तक भी एसआईटी की टीम पहुंची, जिसमें पीड़िता छोटे भाई के साथ रहकर पढ़ाई कर रही थी। एसआईटी टीम इंचार्ज ने इस बात से इंकार किया कि संबंधित कमरे का ताला खोलकर उसे अंदर से एसआईटी टीम ने देखा।
बरेली परिक्षेत्र पुलिस के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने आईएएनएस को बताया, स्वामी चिन्मयानंद ने भले ही खुद को ब्लैकमेल किए जाने की एफआईआर पहले (25 अगस्त को) दर्ज करा दी थी। लेकिन वह सपोर्ट में कोई ऐसी आपत्तिजनक तस्वीर, ऑडियो-वीडियो शाहजहांपुर पुलिस को मुहैया नहीं करा पाए।
लेकिन यहीं पर पीड़िता के पिता की तरफ से दर्ज कराया गया अपहरण का आरोप भी बेदम-सा लगता है।
एसआईटी से पहले मामले की जांच से जुड़े रहे एक पुलिस सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, पीड़ित के पिता द्वारा स्वामी चिन्मयानंद के ऊपर लगाया गया अपहरण का आरोप भी मौजूदा हालात में सिरे से ढेर हुआ मालूम पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ (न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना) के सामने बंद कमरे में हुई सुनवाई में छात्रा ने मान लिया कि वह खतरे के चलते स्वेच्छा से ही कमरे में ताला लगाकर परिचित लड़के के साथ चली गई थी। लेकिन इतने भर से चिन्मयानंद की मुसीबतें खत्म या कम नहीं हो जाएंगी। बशर्ते पीड़िता ने अदालत में गवाह और सबूत मजबूती से पेश कर दिए तो।
बरेली रेंज के पुलिस उप-महानिरीक्षक राजेश कुमार पाण्डेय ने आईएएनएस से कहा, हमारी जिम्मेदारी पीड़िता और परिवार को सुरक्षा देने की है। इसका हमने इंतजाम कर दिया है। दो गनर (एक महिला एक पुरुष) पीड़िता के साथ रहेंगे। दो गनर पीड़िता के भाई, मां और पिता के घर से बाहर आने-जाने के वक्त उनकी सुरक्षा करेंगे। जिस स्थान पर भी पीड़ित परिवार रहेगा, वहां एक और तीन (हथियार सहित एक हवलदार और तीन सिपाही) की गारद 24 घंटे मुस्तैद रहेगी।
--आईएएनएक्स
Created On :   7 Sept 2019 8:30 PM IST