गंगा के लिए लड़ते-लड़ते चली गई जान, 112 दिनों से अनशन पर बैठे थे स्वामी सानंद

गंगा के लिए लड़ते-लड़ते चली गई जान, 112 दिनों से अनशन पर बैठे थे स्वामी सानंद
हाईलाइट
  • गंगा एक्ट की मांग के लिए 22 जून से कर रहे थे अनशन
  • गंगा सफाई
  • अवैध खनन रोकने
  • बांधों जैसे बड़े निर्माण को बैन करने और नदी की अविरलता के लिए कर रहे थे अनशन
  • पर्यावरणविद जी डी अग्रवाल का 86 साल की उम्र में निधन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गंगा से जुड़े अहम मुद्दों पर गंगा एक्ट लाने की मांग कर रहे 86 वर्षीय प्रो.फेसर जी डी अग्रवाल (स्वामी सानंद) का गुरुवार को निधन हो गया। वे गंगा की सफाई समेत अवैध खनन रोकने, बांधों जैसे बड़े निर्माण को बैन करने और नदी की अविरलता को बनाए रखने के लिए कानून बनाए जाने की मांग करते हुए इस साल 22 जून से अनशन पर बैठे थे। 112 दिन के इन अनशन के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। पीएम मोदी, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उमा भारती समेत कई सत्तापक्ष और विपक्ष के राजनेताओं ने प्रो. अग्रवाल के निधन पर शोक जताया है।

प्रो.फेसर जी डी अग्रवाल को स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के नाम से जाना जाता था। 22 जून से अनशन कर रहे प्रो. अग्रवाल ने अन्न त्याग दिया था। वे 110 दिनों तक पानी के साथ महज शहद मिलाकर पी रहे थे। मंगलवार को उन्होंने पानी भी त्याग दिया था। उनकी तबीयत खराब होते देख बुधवार को प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया था।

प्रो. अग्रवाल के अनशन के दौरान कई राजनेताओं ने उनसे मुलाकात की थी। इनमें हरिद्वार के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व केंद्रीय मंत्री उमा भारती शामिल थीं। नेताओं ने उनसे अनशन खत्म करने की अपील की थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी प्रो. अग्रवाल से फोन पर बात करते हुए अनशन खत्म करने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने अपनी मांगों पर काम न होने के चलते अनशन को जारी रखा।

बता दें कि प्रो. अग्रवाल अपने मातृसदन आश्रम में अनशन कर रहे थे। गंगा मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख चुके थे। साल 2012 में भी प्रो. अग्रवाल गंगा से जुड़े मुद्दों पर आमरण अनशन कर चुके थे। उस वक्त सरकार की ओर से मांगें माने जाने का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अनशन तोड़ दिया था। 

गौरतलब है कि जीडी अग्रवाल आईआईटी कानपुर में प्रो.फेसर रहे। वे भारतीय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी रह चुके थे। लंबे अरसे से वे पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर जागरुकता लाने के लिए सक्रिय थे।

Created On :   11 Oct 2018 6:18 PM IST

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