नई रेत खनन नीति पर नीतीश सरकार का यू-टर्न, आरजेडी करेगी बिहार बंद
डिजिटल डेस्क, पटना। रेत खनन को लेकर चल रहे भारी विरोध के बाद बिहार सरकार ने नई रेत नीति को वापस ले लिया है। राज्य में अब पुरानी नीति से ही खनन किया जाएगा। इस नई नीति को लागू किए जाने और फिर उसे वापस लिए जाने के बाद पूरे राज्य में सियासत तेज हो गई है। नीतीश के यू टर्न को लेकर प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस फैसले को लेकर आज बिहार बंद बुलाया है। आरजेड ने इस फैसले को स्वार्थ की राजनीति बताते हुए जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) ने आरजेडी पर निशाना साधा है।
ट्रांसपोर्टरों ने किया विरोध
सरकार की नई खनन नीति के खिलाफ बिहार के ट्रांसपोर्टर सड़क पर उतर आए थे। ट्रांसपोर्टरों के चक्का जाम के आह्वान पर ट्रक मालिक, चालक और मजदूरों ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर चक्का जाम कर दिया था और इस दौरान कई जगहों पर जमकर तोड़फोड़ भी की। वहीं, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने लालू के बिहार बंद को खनन माफिया पर नकेल की बौखलाहट बताया है। बता दें कि नीतीश सरकार ने बालू के अवैध खनन, परिवहन, भंडारण और खरीद-बिक्री को समाप्त करने के लिए नई बालू नीति तैयार की थी। इस नीति को 10 अक्टूबर 2017 को बिहार गजट में प्रकाशित किया गया था।
आरजेडी ने बिहार बंद का ऐलान किया
जिसके बाद 14 नवंबर को बालू-गिट्टी का नया रेट जारी किया और सभी खनन ठेकों को रद्द करते हुए ऑनलाइन बालू बिक्री की व्यवस्था भी की गई थी। इसी नई नियमावली पर पटना हाइकोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब इस मामले पर सुनवाई 23 जनवरी को होनी है। इस नए नियम के खिलाफ आज आरजेडी ने बिहार बंद का ऐलान किया है।
सरकार के इस यू-टर्न पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए कहा हैं, ‘’नो कन्फ़्यूज़न! कल राजद का बिहार बंद मज़बूती से जारी रहेगा। सत्ता नहीं ग़रीबों के लिए संघर्ष ही हमारी राजनीति है।’’
नो कन्फ़्यूज़न! कल राजद का बिहार बंद मज़बूती से जारी रहेगा। सत्ता नहीं ग़रीबों के लिए संघर्ष ही हमारी राजनीति है। https://t.co/ROPg4QMNox
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 20, 2017
मुख्यमंत्री को अपने अहंकार संतुष्टि के लिए बालू व गिट्टी बंदी और नीति पर लिए तानाशाही फ़ैसले को पलटने के बाद अब बिहार के ग़रीब मज़दूरों से माफ़ी माँगनी चाहिए।ग़लत निर्णय था तभी तो पलटा। ग़लत निर्णय पर बिहार के दलितों और अतिपिछड़ों से माफ़ी माँगनी चाहिए।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 20, 2017
बिहार की न्यायप्रिय जनता की वाजिब माँगों और तानाशाही खनन नीति के विरोध के आगे नीतीश सरकार के घुटना टेकने पर जनता को असीम बधाई।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 20, 2017
क्या है आरजेडी की मांग
बालू खनन नीति को लेकर आरजेडी की मांग हैं कि 1972 की बालू नीति फिर से लागू की जाए। बफर सिस्टम खत्म किया जाए जीपीएस सिस्टम पर रोक लगे और बालू की लोडिंग खद्दान से की जाए। बता दें कि लालू के बंद से एक दिन पहले सीएम नीतीश कुमार ने बड़ी समीक्षा बैठक की, जिसमें यू टर्न लेते हुए पुराने नियमावली के तहत बालू घाटों की बंदोबस्ती करने का फैसला किया गया।
105 खुदरा विक्रेताओं को नोटिस
बालू-गिट्टी के 105 खुदरा विक्रेताओं पर ऑर्डर के बावजूद आपूर्ति नहीं किए जाने का आरोप है। बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड ने सभी लोगों को नोटिस भेजकर पूछा है कि क्यों नहीं इन्हें काम से हटाकर बैंक गारंटी जप्त कर ली जाए। समीक्षा करने पर पता चला है कि इन सभी लोगों ने एक भी ऑर्डर की आपूर्ति नहीं की। इसके साथ ही न तो पैसा जमा किया और न ही परिवहन की व्यवस्था की। इनकी निष्क्रियता से उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है...
खान एवं भूतत्व विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक असंगबा चुबा आओ ने कहा कि कि "बालू-गिट्टी का खुदरा लाइसेंस लेने के लिए बहुत से लोग लाइन में लगे थे। उनमें से लॉटरी के जरिए चयनित लोगों को खनन का लाइसेंस दिया गया। उनमें से 105 आपूर्ति नहीं करने की शिकायत है। इसलिए नोटिस भेजकर इन खुदरा विक्रेताओं से चार दिनों में जवाब मांगा गया है।"
Created On :   21 Dec 2017 4:19 AM GMT