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भंडारा अग्निकांड पर सीएम के निर्देश - विभागीय आयुक्त के नेतृत्व में समिति करेगी घटना की जांच

हाईलाइट
- 20 मिनट में निपटा सीएम का दौरा
- कहा- समिति में बीएमसी के अग्शिमन दल के अधिकारी होंगे शामिल
डिजिटल डेस्क, भंडारा। भंडारा के जिला अस्पताल में हुए दर्दनाक हादसे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि घटना की जांच के लिए विभागीय आयुक्त के नेतृत्व में समिति बनाई गई है। घटना की जांच मुंबई महानगरपालिका के अग्निशमन दल के अधिकारी के सहयोग से जाएगी। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गाइड लाइन तैयार की जाएगी। वे रविवार को भंडारा पहुंचे थे यहां विगत दिवस भंडारा जिला अस्पताल में अग्निकांड घटना का जायजा लेकर मुख्यमंत्री ने 20 मिनट में अस्पताल के साथ-साथ विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने आगे कहा कि घटना के कारण पता लगाया जा रहा है। साथ ही अग्निशमन प्रणाली की मांग करने के बाद भी विलंब क्यों हुआ इसकी भी जांच होगी। पिछले एक वर्ष से राज्य का स्वास्थ्य विभाग कोविड 19 के कारण तनाव में है। बेवजह किसी को भी आरोपी बनाकर सजा देना ठीक नहीं होगा। किंतु घटना के लिए कोई जिम्मेदार होता है तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जिला अस्पताल में आने से पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने भोजापुर के पीडि़त परिवार को भेंट देकर सांत्वना दी और हाथ जोड़कर कहा कि परिवार के साथ दु:ख की घड़ी में हम आपके साथ है। भोजापुर ग्राम की गीता विश्वनाथ बेहरे ने बेटी को आग की इस घटना में खो दिया है। मुख्यमंत्री के साथ दौरे में पालकमंत्री तथा राज्यमंत्री विश्वजीत कदम, विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, विधायक राजू कारेमोरे उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने 20 मिनट तक अस्पताल का लिया जायजा
हेलीकॉप्टर से शहापुर उतरने के पश्चात मुख्यमंत्री ठाकरे सीधे भोजापुर के पीडि़त बेहरे परिवार से मिले। जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे रविवार दोपहर 1:50 बजे पहुंचे। उन्होंने अस्पताल के अलग-अलग वार्डों में, घटनास्थल एसएनसीयू वार्ड में लगभग 20 मिनट तक जायजा लिया। जिसके बाद वह 2:10 बजे अधिकारियों से चर्चा की। 2:30 बजे मीडियाकर्मियों से मिले। 10 मिनट बाद 2:40 बजे नागपुर के लिए रवाना हुआ।
राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों का दोबारा होगा ऑडिट
जिला अस्पताल में दौरे पर आए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य के सभी शासकीय अस्पतालों का फायर ऑडिट किया जाएगा। किसी अस्पताल का ऑडिट इससे पहले हुआ होगा फिर भी दोबारा ऑडिट होगा।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।