कांग्रेस ने ट्विटर पर लोगों से मांगा चंदा, जनता के पैसों से वापसी का दावा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भीषण वित्तीय संकट से जूझ रही कांग्रेस अब देश के आम लोगों से चंदा जुटा कर अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी करेगी। इसके लिए पार्टी ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए डोनेशन फॉर्म का लिंक शेयर किया है। इसमें आग्रह किया गया है कि लोकतंत्र को बचाने में कांग्रेस की सहायता करें। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि भाजपा सत्ता में है, इसलिए उसे ज्यादा चंदा मिल रहा है, जबकि बाकी विपक्षी दल भारी धन के संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जनता से अपने लिए चंदा जुटाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनता की मदद के सहारे कांग्रेस अगले साल होने वाले आम चुनाव में फिर से वापसी करेगी। ज्ञात हो कांग्रेस ने जनता की सहयता से वित्तीय जरूरतें पूरी करने की यह पहल शशि थरूर की सलाह पर की है। मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए थरूर ने पिछले दिनों सलाह दी थी कि कांग्रेस को वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए आम लोगों से ट्विटर पर चंदे की अपील करनी चाहिए।
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— Congress (@INCIndia) May 24, 2018
कर्नाटक में उम्मीदवारों ने अपने खर्च पर चुनाव लड़ा
शशि थरूर ने कहा इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा के पास धन आने के कई स्रोत हैं। पैसा उन्हें ही मिलता है जो सत्ता में होते हैं। सत्ता से बाहर होने की वजह से कांग्रेस को उस तुलना में धन नहीं मिला। कमोबेश यही हालत कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की है। इसका नतीजा यह हुआ कि कई विपक्षी दल खासतौर से कांग्रेस के पास फंड की कमी आ गई है। कर्नाटक में हमारे ज्यादातर उम्मीदवारों ने अपने खर्च पर चुनाव लड़ा। एक मामले में हमने जनता से चंदा जुटाने का प्रयास किया, जो कामयाब रहा। हो सकता है इसे आम चुनाव में भी इस्तेमाल किया जाए। केरल में भी हम यात्राएं कर फंड जुटाने में सफल हुए। इसी से देश में फिर हमारी वापसी होगी।
ट्विटर पर लोगों से चंदा मांग रही कांग्रेस
फंड की कमी दूर करने के लिए कांग्रेस ने जनता से सहयोग की अपील की। कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए डोनेशन फॉर्म का लिंक शेयर किया है। कांग्रेस ने कंट्रीब्यूट फार इंडिया हैशगैट के साथ ट्वीट में लिखा- "कांग्रेस को आपका समर्थन और मदद चाहिए। 70 साल पुराने लोकतंत्र को बचाने के लिए अपना छोटा योगदान देकर मदद करें।" बता दें कि बुधवार को शशि थरूर ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट कर इसके लिए सुझाव दिया था। कांग्रेस ने डोनेशन फॉर्म में 250 रुपए से लेकर 10 हजार तक के चंदे का विकल्प लोगों को दिया है।
कांग्रेस की फंडिंग में घटी उद्योगपतियों की हिस्सेदारी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस की फंडिंग में बड़ी हिस्सेदारी उद्योगपतियों की है जो कि धीरे-धीरे खत्म हो रही है। 2013 में कांग्रेस के पास 15 राज्य थे, लेकिन अब उसके पास केवल 2 बड़े राज्य हैं। उधर, भाजपा और एनडीए 20 राज्यों में शासन कर रहे हैं। और, अगले आम चुनावों से पहले भी मोदी देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रभारी दिव्य स्पंदन ने कहा था कि हमारे पास पैसा नहीं है। भाजपा की तुलना में हमारे पास इलेक्टोरल बॉन्ड्स से फंड कम आ रहा है। जिसके चलते कांग्रेस फंड के लिए ऑनलाइन स्रोतों पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ रहा है।
2016-17 में कांग्रेस की आमदनी में कमी आई
2016-17 सात राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आमदनी 1559 करोड़ रुपए रही। इसमें सबसे ज्यादा आमदनी भाजपा, फिर कांग्रेस की है। भाजपा की कमाई 81.8 फीसदी से बढ़कर 1034 करोड़ रुपए हो गई। सन 2015-16 में यह 570.86 करोड़ रुपए थी। कांग्रेस की आमदनी में 14 फीसदी की कमी आई है। पार्टी की आय 261.56 करोड़ रुपए से घटकर 225.36 करोड़ रुपए रह गई है। - भाजपा को 2016-17 में अनुदान, दान और योगदान के जरिए उसे 997.12 करोड़ रुपए मिले। यह फाइनेंशियल ईयर 2016-17 के दौरान की कुल आमदनी का 96.41 फीसदी है। उधर, इस दौरान कांग्रेस को समान सोर्स से 50.626 करोड़ रुपए मिले। यह उसकी कुल आमदनी का 51.32 फीसदी है। भाजपा ने फाइनेंशियल ईयर 2016-17 में 606.64 करोड़ रुपए चुनाव और प्रचार अभियानों पर खर्च किए। वहीं, प्रशासनिक कामों पर 69.78 रुपए लगाए। इसी तरफ, कांग्रेस ने चुनाव में 149.65 करोड़ रुपए और प्रशासकीय कामों में करीब 115.65 करोड़ रुपए खर्च किए।
Created On :   26 May 2018 11:38 AM IST