आतंकी जुनैद की गिरफ्तारी पर सियासत तेज, बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर लगा रही आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बुधवार को इंडियन मुजाहिद्दीन के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आतंकी का नाम आरिज उर्फ जुनैद बताया जा रहा है और इसकी तलाश काफी समय से पुलिस को थी। जुनैद की गिरफ़्तारी के बाद से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
पूर्व केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह पुलिस का काम है कि अगर कोई व्यक्ति किसी तरह के अपराध में शामिल है तो उसे गिरफ़्तार करे। ख़ुर्शीद ने कहा, "अगर किसी की गिरफ़्तारी होती है तो पुलिस का काम है कि वह उस पर तुरंत सुनवाई शुरु करवाए और उसे आरोपी सिद्ध करें।" आगे उन्होंने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, "जुनैद को बाटला एनकाउंटर के समय ही उस स्थान से गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। पुलिस को बताना चाहिए कि तब उसकी गिरफ़्तारी क्यों नहीं हुई, वह कैसे भाग गया? अब वह गिरफ़्तार हो गया है तो पुलिस को बताना चाहिए कि वह कैसे भागा?"
वहीं केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने जुनैद के पकड़े जाने पर कहा, "बाटला हाउस एनकाउंटर के समय कुछ कांग्रेसी नेता घड़ियाली आंसू बहा रहे थे वह लोग अब एक्सपोस हो गए हैं।"
वहीं बाटला हाउस के एक निवासी का कहना है, "पुलिस ने जिसे गिरफ़्तार किया है वह आतंकी है इस बात में संदेह है, क्योंकि 2008 में जो एनकाउंटर हुआ था उसको लेकर भी संदेह है। मुझे नहीं लगता है कि जुनैद इसमें शामिल था। मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि किसी अपराधी के ख़िलाफ़ एक्शन नहीं लेना चाहिए लेकिन किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से फसाना नहीं चाहिए।"
कई बम ब्लास्ट का आरोपी है जुनैद
जुनैद पर दिल्ली, यूपी, अहमदाबाद समेत 4 जगहों पर हुए बम ब्लास्ट में शामिल होने का आरोप है। इंडियन मुजाहीद्दीन का आतंकी जुनैद उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। बताया जाता है कि बटला हाउस एनकाउंटर के बाद से ही जुनैद फरार चल रहा था।
दिल्ली में बम प्लांट किए थे जुनैद ने
इंडियन मुजाहीद्दीन के आतंकी जुनैद पर आरोप है कि उसी ने ग्रेटर कैलाश के एम ब्लॉक मार्केट में मौजूद प्रिंस पान कॉर्नर और लिवाइस के शोरूम के बाहर बम प्लांट किए थे। 13 सितंबर 2008 को हुए इन दोनों ही बम ब्लास्ट से करीब 10 दुकानों को नुकसान पहुंचा था। जुनैद को आतंकी यासीन भटकल का साथी भी माना जाता है। जुनैद अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर ही था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आतंकी जुनैद पर 15 लाख का इनाम रखा गया था।
क्या है बटला हाउस एनकाउंटर केस?
दरअसल, 13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इन ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे, जबकि 133 लोग घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि इन बम ब्लास्ट में आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का हाथ है। हमले के 6 दिन बाद यानी 19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को इंफॉर्मेशन मिली की इंडियन मुजाहिद्दीन के 5 आतंकी आतिफ अमीन, साजिद, आरिज उर्फ जुनैद, शहजाद पप्पू और सैफ बटला हाउस के एल-18 मकान में छुपे हुए हैं। इसके बाद स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की लीडरशिप में स्पेशल टीम ने जामिया नगर इलाके के बटला हाउस के एल-18 मकान में छापा मारा। इसके बाद पुलिस और आतंकियों के बीच फायरिंग शुरू हो गई। पुलिस ने दावा किया कि इस एनकाउंटर में 2 आतंकी मारे गए, दो गिरफ्तार किए गए जबकि एक आतंकी फरार हो गया। इस एनकाउंटर में मोहन चंद्र शर्मा घायल हो गए थे, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बता दें कि इस एनकाउंटर में आतंकी आतिफ अमीन और साजिद की मौत हो गई थी, जबकि सैफ नाम के आतंकी को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं आरिज उर्फ जुनैद और शहजाद यहां से भागने में कामयाब रहे थे।
Created On :   15 Feb 2018 12:37 AM IST