कांग्रेस ने 10 पॉइंट में बताया क्यों होनी चाहिए जज लोया केस की जांच?
- गुजरात के इस चर्चित मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत गुजरात पुलिस के कई आला अधिकारियों के नाम आए थे।
- इस मामले में अमित शाह को सीबीआई कोर्ट ने बरी किया था।
- कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने जज लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजों से जांच कराने की मांग की थी।
- जस्टिस बीएच लोया की 30 नवंबर 2014 की रात को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
- वे सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे।
- सोहरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जज लोया केस में SIT जांच कराने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद भी कांग्रेस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग पर अड़ी हुई है। कांग्रेस का कहना है कि जज लोया की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी, इसीलिए जांच जरूरी है। कांग्रेस ने 10 पॉइंट में गिनाया है कि जज लोया की मौत क्यों संदिग्ध है?
INC COMMUNIQUE
— INC Sandesh (@INCSandesh) April 19, 2018
Statement issued by AICC Communications In-charge @rssurjewala on Judge Loya"s death. pic.twitter.com/FULEdnTU9Q
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए ये 10 पॉइंट गिनाए।
1. सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सोहराबुद्दीन फेक एनकाउंटर केस को गुजरात से मुंबई ट्रांसफर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि शुरू से लेकर अंत तक एक ही जज इस मामले की सुनवाई करेंगे। इस केस के में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे। उस समय जज उत्पल ने आरोपियों को कोर्ट में पेश नहीं होने के लिए लताड़ लगाई और पेश होने की तारीख तय की, लेकिन उससे पहले ही उनका ट्रांसफर हो गया। जज उत्पल के बाद जज लोया इस केस को देख रहे थे। 30 नवंबर 2014 की रात को उनकी मौत हो गई। इसके बाद अमित शाह इस मामले में बरी हो गए और सीबीआई ने इसके खिलाफ अपील नहीं की।
2. 21 नवंबर 2017 को जज लोया की बहन ने मीडिया हाउस को दिए एक इंटरव्यू में आरोप लगाया कि एक पूर्व जज के जरिये जज लोया को 100 करोड़ रुपये और एक फ्लैट का भी ऑफर दिया गया था। इसके बदले में आरोपियों के पक्ष में फैसला सुनाने को कहा गया था।
3. जज लोया की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है, लेकिन ईसीजी की रिपोर्ट इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। एक्सपर्ट का भी कहना है कि चोट का सबूत मिला है।
4. 24.11.2014 को जज लोया की सिक्योरिटी हटा दी गई थी। जब वह मुंबई से नागपुर गए थे तब भी उनके पास सिक्योरिटी नहीं थी। जहां 30.11.2014 को उनकी मौत हो गई।
5. जज लोया के मुंबई से नागपुर जाने का कोई भी ट्रैवल रिकॉर्ड नहीं है।
6. 30 नवंबर 2014 को लोया के नागपुर के गेस्ट हाउस रवि भवन में रुकने का दावा किया जा रहा है, लेकिन वहां इसकी कोई एंट्री नहीं है। गेस्ट हाउस के 15 कर्मचारियों ने भी अलग-अलग मीडिया हाउस में बयान दिया है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
7. ऐसा कोई कारण दिखाई नहीं देता कि 3 जज दो बेड वाले एक ही रूम में सोए, जबकि इससे सटे हुए रूम खाली थे।
8. जज लोया के परिजन ये बता चुके है कि लोया की डेड बॉडी पर खून के धब्बे थे। खास तौर पर गर्दन के पास।
9. जज लोया के परिजनों को बताए बिना 1.12..2014 को पोस्ट मॉर्टम कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनका नाम भी गलत तरीके से लिखा गया।
10. जज लोया के दो और सहयोगियों की मौत सदेहास्पद परिस्थिति में हुई। एडवोकेट खंडालकर की मौत 29 नवंबर 2015 को कोर्ट की छत से गिरकर हुई जबकि 28 नवंबर से अदालत में छुट्टी थी। इसके अलावा एक और जज की संजदेहास्पद मौत हुई। एक वकील मरने से बाल-बाल बचे।
नहीं होगी SIT जांच
बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा, चार जजों के बयान पर संदेह का कोई कारण नहीं है। उनके बयान पर संदेह करना संस्थान पर संदेह करना जैसा होगा। कोर्ट ने कहा कि मामले के जरिए न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में SIT जांच नहीं होगी, केस में कोई आधार नहीं है।
क्या है मामला?
जस्टिस बीएच लोया की 30 नवंबर 2014 की रात को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वे सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। गुजरात के इस चर्चित मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत गुजरात पुलिस के कई आला अधिकारियों के नाम आए थे। इस मामले में अमित शाह को सीबीआई कोर्ट ने बरी किया था। हालांकि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में अमित शाह को क्लीन चिट देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने जज लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजों से जांच कराने की मांग की थी।
Created On :   19 April 2018 6:58 PM IST